सीता जी ने वनवास से लौटकर किया गंगा पूजन:गाजीपुर में हुआ रामलीला का भव्य मंचन, श्रीराम ने धरा विष्णु स्वरूप
गाजीपुर में अति प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकरी द्वारा रविवार शाम कलेक्टर घाट पर रामायण की महत्वपूर्ण कड़ी गंगा पूजन लीला का मंचन किया गया। लीला के 18वें दिन आयोजित इस प्रसंग में सीता जी के गंगा पूजन और श्रीराम के विष्णु रूप धारण करने का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। कथा के अनुसार, वनवास के लिए जाते समय सीता जी ने पतित पावनी मां गंगा से वचन दिया था। उन्होंने कहा था कि चौदह वर्ष के बाद अयोध्या लौटने पर वे विधि-विधान से गंगा पूजन करेंगी। इसी वचन के अनुरूप राम और लक्ष्मण के साथ सीता जी ने श्रद्धापूर्वक पूजन किया। मंच पर सीता जी द्वारा गंगाजल से आहुति और मंत्रोच्चारण के बीच पूजन का दृश्य प्रस्तुत किया गया। यह दृश्य अत्यंत भावुक था और इसने दर्शकों को गहराई तक प्रभावित किया। पूजन के उपरांत मंचन का सबसे आकर्षक दृश्य तब सामने आया जब प्रभु श्रीराम ने विष्णु रूप धारण किया। उन्होंने अपने दशावतार – मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि – के रूप में भक्तों को दर्शन दिए। कलाकारों के सजीव अभिनय और भव्य साज-सज्जा ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। श्रद्धालु “जय श्रीराम” और “हरि विष्णु भगवान की जय” के जयघोष से घाट क्षेत्र को गूंजायमान करते रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी, उपप्रबंधक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल और कृष्णांश त्रिवेदी द्वारा सामूहिक आरती से किया गया। इसके बाद लीला का मंचन शुरू हुआ।
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