सिद्धार्थनगर गौशालाओं में गायों की मौत:भूख-प्यास व अनदेखी से बिगड़ रहे हालात, कौवे नोंच रहे मांस, देखरेख वाला कोई नहीं
सिद्धार्थनगर के विकास खंड बढ़नी के ग्राम पंचायत परशोहीया के टोला लंगड़ी में स्थित गौशालाओं की स्थिति चिंताजनक है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां गायें भूख, पानी की कमी और उचित देखभाल न मिलने के कारण घुट-घुट कर मर रही हैं। मृत और घायल गायों पर कौए मांस नोचते हैं, और आसपास कोई इन्हें बचाने वाला नहीं है। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं कि यह केवल एक दिन की घटना नहीं है, बल्कि लगातार घट रही दुर्दशा का हिस्सा है। उनका कहना है कि जिस उद्देश्य से गौशालाओं की नींव रखी गई थी, वह अब पूरी तरह बदल गई है। आज यह केंद्र गायों की तड़प और मौत का प्रतीक बन गया है। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासन केवल सड़कों पर दिखावे के लिए कार्यक्रम आयोजित करता है, जबकि गौशालाओं में गायों की वास्तविक स्थिति पर ध्यान नहीं देता। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह स्थिति हिंदुत्व और धार्मिक मूल्यों पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो केवल गायों की मृत्यु ही नहीं होगी, बल्कि जनता का विश्वास भी कमजोर होगा। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार और अनदेखी की वजह से गौशालाओं में आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन तत्काल निरीक्षण करके मरी और घायल गायों की उचित देखभाल सुनिश्चित करे। धार्मिक कार्यकर्ता और गो रक्षक भी इस स्थिति को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि धर्म और हिंदुत्व केवल सड़कों पर दिखावे के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि गायों की वास्तविक सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। स्थानीय नागरिकों की मांग है कि प्रशासन इन गौशालाओं की स्थिति का समाधान करे, और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि गोमाताओं की दुर्दशा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाना जरूरी है। यह मामला सिद्धार्थनगर में एक गंभीर बहस को जन्म दे चुका है। स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या धर्म और हिंदुत्व केवल दिखावे के लिए रह गए हैं, या वास्तव में गौशालाओं में तड़पती गायों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/WrRfvcA
Leave a Reply