सरकार से ₹2.11 करोड़ का आईटीसी हड़पा:फर्जी कागजों पर लखनऊ में फर्म, अकाउंट मसूरी का; छापेमारी में कंपनी नहीं मिली
लखनऊ में फर्जी कागजों से हेराफेरी कर एक फर्म बनाई गई। इसके जरिए सरकार से 2.11 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हड़प लिया गया। राज्य कर के अधिकारियों की टीम जब छापेमारी करने पहुंची तो जमीन पर कोई फर्म नहीं मिली। बहरहाल, राज्य कर के सहायक आयुक्त संजय सिंह ने फर्जी फर्म बनाने वाले के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में FIR लिखवा दी है। राज्य कर विभाग की खंड-14 टीम ने इस घोटाले को पकड़ा है। मेसर्स कुमार सर्विस नामक एक फर्म पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी पंजीकरण करा लिया गया। विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने फर्म के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कागजों पर इस फर्म का पता लखनऊ का है लेकिन खाता मसूरी देहरादून की SBI शाखा का लगाया गया है। पता लखनऊ का, खाता मसूरी देहरादून में थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, मेसर्स कुमार सर्विस फर्म का मालिक सचिन कुमार है। फर्म ने 18 अप्रैल 2025 को जीएसटी नंबर 09KKLPK4003EIZ6 प्राप्त किया था, जिसका पता हिंद नगर, आशियाना रोड, लखनऊ दर्ज है। जांच में सामने आया कि फर्म ने पंजीकरण के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, द मॉल, मसूरी शाखा का खाता और फर्जी बिजली बिल का इस्तेमाल किया गया। जून 2025 में फर्म ने बालाजी ट्रेडर्स से 11.73 करोड़ रुपए की इनवर्ड सप्लाई दिखाकर 2.11 करोड़ रुपए से अधिक का आईटीसी प्राप्त किया। हालांकि, बालाजी ट्रेडर्स के रिटर्न में ऐसी कोई वास्तविक आपूर्ति नहीं पाई गई। राज्य कर अधिकारियों ने 15 मई 2025 को फर्म के घोषित व्यापार स्थल पर छापेमारी की, जहां फर्म का कोई अस्तित्व नहीं मिला। आसपास के लोगों ने भी इस फर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। इससे यह स्पष्ट हुआ कि फर्म ने फर्जी इनवॉयस बनाकर चोरी की योजना के तहत आईटीसी का अनुचित लाभ लिया था। राज्य कर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर, फर्म मालिक सचिन कुमार के खिलाफ सरोजनी नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
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