शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन:मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलते हैं त्याग और संयम के गुण

श्रावस्ती में बीते सोमवार से शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ हो गया है। जिले भर के दुर्गा पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करेंगे। वहीं नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की गई। मां ब्रह्मचारिणी तप की देवी के रूप में जानी जाती हैं। इनकी पूजा से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली। मान्यता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति में त्याग, तपस्या, वैराग्य, सदाचार और संयम के गुण विकसित होते हैं। पहले दिन सभी दुर्गा पंडालों और देवी मंदिरों में मां शैलपुत्री की पूजा की गई थी। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। वे सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। जिले भर में आयोजकों ने पंडाल सजाए हैं। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। सभी पूजा स्थलों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं पंडित सुधाकर शर्मा ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया कि, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का अर्थ है मन में संयम, त्याग और सत्कार की भावना का विकास करना।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर