वृंदावन रामलीला का आठवां दिन:रावण ने किया मां सीता का अपहरण, हनुमान जी से मिले भगवान श्रीराम

श्री रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित भव्य रामलीला महोत्सव के आठवें दिन लंका के राजा रावण द्वारा माता सीता के हरण का भावपूर्ण मंचन किया गया। मंचन में मायावी मारीच के मायाजाल से सीता के भ्रमित होने का दृश्य जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर दर्शक भावविभोर हो उठे। श्री रंगनाथ जी के बड़ा बगीचा में चल रहे त्रयोदश दिवसीय रामलीला महोत्सव के आठवें दिन कार्यक्रम का शुभारंभ जीएलए यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल, एसपी सिटी राजीव कुमार सिंह और गंगोत्री के निदेशक नरेंद्र अग्रवाल ‘गया वाले’ ने किया। उन्होंने व्यास पीठ और श्रीराम दरबार का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर महोत्सव का उद्घाटन किया। श्रीराम अनुशासन, नैतिकता और सत्य के आदर्श प्रतीक
जीएलए यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्रीराम अनुशासन, नैतिकता, सत्य और सद्भाव के आदर्श प्रतीक हैं। प्रत्येक व्यक्ति को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने आचरण में इन मूल्यों को अपनाना चाहिए। एसपी सिटी राजीव कुमार सिंह ने कहा कि श्री रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित यह महोत्सव नई पीढ़ी को भगवान राम और उनकी आदर्शमयी लीलाओं से परिचित कराता है। इससे समाज में मर्यादा, आस्था और संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना मजबूत होती है। लक्ष्मण रेखा पार न कर सका रावण
लीलाओं के क्रम में शनिवार को स्वर्ण मृग रूपी मायावी मारीच के मायाजाल से भ्रमित माता जानकी द्वारा श्रीराम से उस मृग को लाने का आग्रह किया गया। श्रीराम के मृग के पीछे वन की ओर चले जाने के बाद, माता सीता की आज्ञा से लक्ष्मण भी उनके पीछे गए। इस अवसर का लाभ उठाते हुए लंकाधिपति रावण ब्राह्मण वेश धारण कर जनकनंदिनी की कुटिया पर पहुंचे और उनका हरण करने का प्रयास किया। भावपूर्ण मंचन में जीवंत हुई सीता हरण की लीला
माता सीता की रक्षा के लिए खींची गई लक्ष्मण रेखा को रावण पार नहीं कर सका। इसके बाद उसने छलपूर्वक माता सीता को कुटिया से बाहर बुलाया और उन्हें बलपूर्वक हर लिया। सीता हरण की इस लीला का मंचन कलाकारों ने अत्यंत भावपूर्ण ढंग से किया, जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। श्रीराम-हनुमान मिलन और सुग्रीव मैत्री से गूंजा रंगमंच
सीता हरण लीला के बाद रावण और जटायु युद्ध का रोमांचक मंचन किया गया। जटायु द्वारा माता सीता की रक्षा के लिए रावण से लड़ी गई इस वीरतापूर्ण लड़ाई ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं। इसके बाद श्रीराम-हनुमान मिलन और सुग्रीव मैत्री का दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिसका हजारों दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के नेता अनिल अग्रवाल, डॉ. केशवाचार्य, कालीचरण सिंह, अध्यक्ष रामविलास चतुर्वेदी, संस्थापक आलोक बंसल, भीमसेन अग्रवाल, लक्ष्मी नारायण दीक्षित, आनंद शर्मा, अनिल गौतम, नगर निगम के उपसभापति मुकेश सारस्वत, समाजसेवी धनंजय सिंह, अलौकिक शर्मा, बंशी तिवारी, विनोद वार्ष्णेय, कालीचरण सिंह, शुभम अग्रवाल, नीरज गौतम, मुकेश वार्ष्णेय, नरसिंह वल्लभ गौतम और पुनीत वल्लभ गौतम एडवोकेट सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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