विजय दशमी पर भगवान रंगनाथ ने किया शमी का पूजन:सोने के घोड़े पर विराजमान होकर निकली प्रभु की सवारी,भक्तों ने लगाए जयकारे
विजय दशमी पर्व पर मथुरा के वृंदावन में स्थित दक्षिण भारतीय शैली के श्री रंगनाथ मंदिर के बड़े बगीचा में भगवान रंगनाथ ने शमी वृक्ष का पूजन किया। इस दौरान भगवान की सवारी सोने से बने घोड़े पर निकली। शमी वृक्ष का पूजन कर भगवान की सवारी वापस मंदिर पहुंची। पालकी में विराजमान होकर पहुंचे बगीचा विजय दशमी पर्व पर भगवान रंगनाथ पालकी में सवार होकर दोपहर को मंदिर परिसर से भक्तों के कंधों पर सवार होकर बड़े बगीचा पहुंचे। जहां उनको भोग प्रसाद अर्पित किया गया। यहां 4 घंटे विश्राम करने के बाद भगवान सोने के घोड़े पर विराजमान हुए। जिसके बाद वह शमी वृक्ष के पास पहुंचे। मंत्रों के मध्य हुआ पूजन शमी वृक्ष के समक्ष पहुंच कर भगवान की सवारी खड़ी हो गई। जहां मंदिर के पुजारी रंगा स्वामी ने शमी की। मंदिर के पुरोहित गोविंद मिश्र ने पूजा अर्चना कराई। पहले कलश पूजन किया। इसके बाद शमी वृक्ष का पूजन किया गया। वैदिक मंत्रों के मध्य करीब आधा घंटे तक पूजन चला। शस्त्रों का किया पूजन शमी वृक्ष के पूजन के पश्चात वहां भगवान के शस्त्र धनुष वाण का पूजन किया गया। इसके बाद पुजारी रंगा स्वामी ने दसों दिशाओं में वाण चलाकर शस्त्रों का परीक्षण किया। शमी वृक्ष और शस्त्र पूजन के पश्चात भगवान की कुंभ आरती की गई। जिसके बाद भगवान की सवारी ने पुनः वापस मंदिर के लिए प्रस्थान किया। हाथ में भाला घोड़े पर विराजमान भगवान के दर्शन थे अद्भुत विजय दशमी पर्व पर भगवान का अलौकिक श्रृंगार देखने को मिला। भगवान रंगनाथ के एक हाथ में भाला तो दूसरे हाथ में घोड़े की लगाम थी। छोटे रथ पर विराजमान भगवान रंगनाथ की छवि बेहद ही आकर्षक लग रही थी। इस दौरान भगवान ने बेशकीमती आभूषण धारण किए हुए थे।
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