लेखपालों ने उत्पीड़न, समस्याओं के समाधान की मांग की:मथुरा में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में रखे प्रस्ताव

मथुरा के उदासीन कृष्णी आश्रम रमणरेती महावन में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की प्रदेश कार्यसमिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेशभर के जिलाध्यक्ष, मंत्री सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व लेखपाल मौजूद रहे। संघ ने अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न और सेवा संबंधी समस्याओं के समाधान की मांग उठाई। बैठक में लेखपालों ने बताया कि तहसील से लेकर शासन तक बैठे अधिकारियों द्वारा उनका निरंतर उत्पीड़न किया जा रहा है। सेवा संबंधी समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन पर अतिरिक्त कार्य का बोझ डाला जा रहा है। वर्तमान में लेखपाल अपने मूल सर्किल के साथ-साथ दो से चार अतिरिक्त सर्किलों का कार्य करने को विवश हैं। संघ ने यह भी बताया कि सभी कार्य ऑनलाइन होने से उन पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ गया है। शासन द्वारा दिए गए पुराने लैपटॉप और मोबाइल अब कंडम हो चुके हैं, लेकिन नई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। लेखपाल संघ ने शासन से मांग की कि जो लेखपाल अपने गृह मंडल से 200 से 400 किलोमीटर दूर नौकरी कर रहे हैं, उनका स्थानांतरण गृह मंडल में किया जाए। इसके अतिरिक्त, 2005 में चयनित मृतक आश्रित लेखपालों को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पुरानी पेंशन का लाभ तुरंत दिया जाए। बैठक में धारा 156(3) के तहत की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों, एंटी करप्शन द्वारा फर्जी फंसाने और न्यायालयी रिटों के जरिए किए जा रहे मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न पर भी कड़ी आपत्ति जताई गई। संघ ने यात्रा भत्ता 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह करने की भी मांग उठाई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने की। इस दौरान महामंत्री विनोद कश्यप, उपाध्यक्ष सिद्धार्थ, कमलेश, धनंजय, कोषाध्यक्ष सुजीत सिकंदर, संगठन मंत्री नीरज कुमार राठौर, शिवराज सिंह, करुणेश सिंह सहित प्रदेश व जिले के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में लेखपाल मौजूद रहे।

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