लखनऊ में सहारा शहर को कल किया जाएगा सील:अगले महीने चल सकता है बुलडोजर, साम्राज्य की 270 एकड़ जमीनें जब्त
लखनऊ में सहारा समूह का साम्राज्य अंतिम सांसें गिन रहा है। राजनीतिक रसूख, लैविश लाइफ स्टाइल, फिल्मी और क्रिकेट के हस्तियों से शहर में रुतबा बनाने वाले सहारा श्री सुब्रत रॉय के देहांत के बाद समूह की प्रॉपर्टीज पर एक्शन में तेजी आई है। इसमें नियम और शर्तों का उल्लंघन केंद्र में है। बीते कुछ महीने इसके गवाह रहे। सहारा की संपत्तियां एक के बाद एक सरकारी विभागों की ओर से जब्त की जा रही हैं। इसमें गोमती नगर स्थित सहारा शहर की 130 एकड़ जमीन को नगर निगम अगले दो दिनों में सील करेगा। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया- नियम और शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जा रही है। एहतियात के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट भी डाली जाएगी। इससे अगर सहारा कोर्ट में जाएगा तो पहले नगर निगम का पक्ष सुना जाए। जिला प्रशासन की तरफ से भी प्रॉपर्टी के टैक्स से जुड़ी देनदारी नहीं देने पर प्रॉपर्टी कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है। इसी महीने के अंत तक सहारा संपत्तियों का बकाया प्रॉपर्टी शुल्क जमा करने का मौका दिया गया है। नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) अभी तक सहारा बाजार के साथ करीब 270 एकड़ जमीन जब्त कर चुका है। इन जमीनों को लेकर सहारा की तरफ से कोई प्रोजेक्ट शुरू तक नहीं किया गया। नगर आयुक्त गौरव कुमार का कहना है कि सहारा से नगर निगम ने 170 एकड़ जमीन नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने पर कब्जे में किया है। 19 प्रॉपर्टी की समीक्षा देनदारी का अंतिम महीना लखनऊ में सहारा समूह ने अपनी प्रॉपर्टी के टैक्स की देनदारी नहीं की है। जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में करीब 20 करोड़ रुपए देनदारी का रिकॉर्ड है। कुल 19 प्रॉपर्टीज की समीक्षा चल रही है। इनमें से चार बड़ी प्रॉपर्टी पर कार्रवाई हो चुकी है। वहीं, 15 प्रॉपर्टी पर भी समीक्षा की जा रही। इनपर भी एक्शन की तैयारी है। जिला प्रशासन की तरफ से 30 सितंबर तक इन प्रॉपर्टी के देनदारी का समय दिया गया है। नगर निगम के सदन में तय होगा, 170 एकड़ जमीन में क्या काम होगा गोमती नगर के उजरियांव और जिया मऊ की जमीन पर सहारा शहर है। वह नगर निगम की ओर से आवासीय योजना विकसित करने के लिए सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड कंपनी को 1994 में लाइसेंस डीड पर शर्तों के तहत दी गई थी। इसके साथ ही 40 एकड़ जमीन ग्रीन बेल्ट में लीज के लिए दी गई थी। इसे नगर निगम ने चार-पांच महीने पहले खाली करा लिया था। अब नगर निगम के सदन में तय किया जाएगा कि इस 170 एकड़ जमीन पर क्या काम किया जाएगा । वहीं, शर्तों का उल्लंघन करने पर नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त दिवाकर त्रिपाठी की ओर से 1997 में लाइसेंस निरस्त करने का नोटिस जारी किया। इसके बाद सिविल कोर्ट में यह मामला चल रहा है। इस बीच 2012 में सेबी और सहारा के विवाद में सहारा शहर की जमीन को भी सेबी ने कुर्की कर लिया। सेबी की ओर से जमीन मुक्त ही नहीं की गई इसके अलावा आर्बिटेशन में भी यह मामला सहारा इंडिया हाउसिंग और नगर निगम के बीच 15 साल से अधिक समय तक चला। जिसका 2017 में फैसला आया। जिसमें सेबी की सहमति के बाद सहारा की ओर से दी गई सूची के आवंटियों को लीज करने की बात कही गई, लेकिन यह हो नहीं पाया, क्योंकि अब तक सेबी की ओर से जमीन मुक्त ही नहीं की गई। जवाब में सहारा ने कहा 800 करोड़ कर चुका है खर्च। सेक्टर रोड न बनाने, शर्तों के तहत योजना न विकसित और सेबी से समझ सहारा के स्वामित्व की जमीन बताए जाने सहित नगर निगम के सभी आरोपों को सहारा कंपनी ने सिरे से खारिज कर दिया है। उल्टा नगर निगम को ही योजना में देरी सहित अन्य विधिक विवादों के लिए जिम्मेदार बता दिया है। कंपनी के अधिकृत प्राधिकारी की ओर से दिए जवाब में यह भी कहा कि गया है कि 28 साल में कंपनी सहारा शहर की जमीन के विकास, निर्माण व मेंटेनेंस पर करीब 800 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। जिससे कंपनी को ही नुकसान हो रहा है न कि नगर निगम को। जवाब देने वाले ने सिर्फ अधिकृत प्राधिकारी के तौर हस्ताक्षर ही किए हैं। सहारा से 109 एकड़ जमीन ले, पार्क बना रहा LDA सहारा ग्रुप को लीज पर दी गयी ग्रीन बेल्ट की 100 एकड़ जमीन वापस ली है। सितंबर 2024 में यह जमीन LDA ने नियमों का उल्लंघन करने पर कब्जे में ली थी। अब इस जमीन पर प्रथम चरण में 25 एकड़ में 14 करोड़ रुपए की लागत से शहर का पहला बायो-डायवर्सिटी पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें गोमती नदी के बेसिन में पाए जाने वाले पौधों की विभिन्न प्रजातियां, जो वर्तमान में विलुप्त हो रही हैं। उन्हें एकत्रित करते हुए बायोडायवर्सिटी पार्क में विकसित किए जाने वाले वेट लैंड में लगाकर संरक्षित किया जाएगा। सहारा बाजार को कब्जे में लेकर LDA कर रहा नीलामी गोमती नगर के विभूतिखंड वीआईपी इलाके में स्थित सहारा बाजार कॉम्प्लेक्स को बेचने की प्रक्रिया एक बार फिर तेज कर दी है। नीलामी की रिजर्व प्राइस 85 करोड़ रुपए है। बुधवार को इसकी ई-नीलामी की अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह नीलामी 10 नवंबर को आयोजित होगी, जिसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विभूति खंड स्थित यह कॉम्प्लेक्स, वेव मॉल के पास है, जिसे एलडीए ने 9 जनवरी 1987 को 30 साल की लीज पर सहारा हाउसिंग कॉरपोरेशन को दिया था। यह लीज 9 जनवरी 2017 को समाप्त हो गई, लेकिन कंपनी ने इसका नवीनीकरण नहीं कराया। मई 2025 में एलडीए ने लीज निरस्त कर परिसर पर कब्जा लेने का आदेश दिया। इसके बाद जून 2025 में कुछ विरोध के बावजूद कॉम्प्लेक्स पर कब्जा ले लिया गया। अब इसे बेचने की तैयारी है। सहारा बाजार कॉम्प्लेक्स – एक नजर में स्थान – विभूति खंड, गोमती नगर, वेव मॉल के पास क्षेत्रफल – 4741 वर्ग मीटर लीज प्रारंभ – 09 जनवरी 1987 लीज समाप्त – 09 जनवरी 2017 लीज निरस्तीकरण – 03 मई 2025 नीलामी तिथि – 10 नवंबर 2025 नीलामी मोड – ई-नीलामी लखनऊ में सहारा की संपत्ति जिनपर हो रही कार्रवाई सहारागंज मॉल – लखनऊ के दिल में बसा यह मॉल फिलहाल 100 से ज्यादा ब्रांडेड स्टोर्स, मल्टीप्लेक्स, रेस्त्रां और शोरूम्स का घर है। रोजाना यहां हजारों लोग आते हैं। सहारा श्री का आवास – गोमती नगर की एक बेहद आलीशान कोठी, जो बीते सालों तक भव्य पार्टी और राजनीतिक हलचलों का केंद्र रही। गोमतीनगर की संपत्तियां – कई ऑफिस स्पेस, सहारा मीडिया ऑफिस और कर्मचारियों के लिए बनाए गए रिहायशी फ्लैट्स। सहारा भवन – कपूरथला में कॉम्पलेक्स, अलीगंज में 2 सहारा भवन। सहारा बाजार – विभूति खंड में सहारा बाजार की लीज समय से 50 साल पहले खत्म कर दी गई। यहां की दुकानों पर ताला भी लगा दिया गया है। सहारा श्री की कुल 19 संपत्तियों की समीक्षा की जा रही है। ये संपत्तियां लगभग 75,000 वर्ग मीटर जमीन पर हैं। इनमें से करीब 50% कॉमर्शियल, बाकी रिहायशी और संस्थागत उपयोग में हैं। करीब 1200 लोग इन परिसरों में रह रहे या काम कर रहे हैं। इसमें 500 से ज्यादा दुकानें हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए… लखनऊ में सहाराश्री का साम्राज्य ढहाने की तैयारी : सुब्रतो कोठी संग 19 संपत्तियों की लीज रिव्यू शुरू, 3 पर एक्शन 47 साल का सहाराश्री का साम्राज्य अब ढहने लगा है। कभी लखनऊ की हवा में सहारा इंडिया का रुतबा घुला रहता था। हजारों कर्मचारी, भव्य इमारतें और चमकते कारोबार से शहर की पहचान जुड़ गई थी। लेकिन अब सहाराश्री सुब्रत रॉय का ये साम्राज्य बिखरने की कगार पर है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और जिला प्रशासन ने सहारा को लीज पर दी गई 19 संपत्तियों की समीक्षा शुरू कर दी है। (पूरी खबर पढ़िए)
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