लखनऊ में वार्डन की 2-साल पहले भी हुई थी शिकायत:अफसरों पर मामला दबवाने का आरोप, अब बच्चियों ने डीएम से लगाई गुहार

लखनऊ में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों को पीटने की डीएम से शिकायत के बाद नए खुलासे हो रहे हैं। खुजौली स्थित विद्यालय की वार्डन के खिलाफ 2 साल पहले भी शिकायत हुई थी। तब अफसरों ने मामले को दबा दिया था। उस दरम्यान 2 शिक्षिकाओं ने नौकरी भी छोड़ दी थी। उस समय भी मोहनलालगंज खंड शिक्षा अधिकारी से की थी। इसका शिकायती पत्र बीएसए को भेजा था, लेकिन अधिकारियों ने वार्डन के आरोपों की जांच करने के बजाय मामले को दबा दिया गया। शिकायत करने वाली शिक्षिकाओं को परेशान किया जाने लगा। इसके बाद जब दोबारा मोहनलालगंज तहसील में समाधान दिवस पर की छात्राओं और अभिभावकों की शिकायत का डीएम ने संज्ञान लेकर जांच कराई। जांच में छात्राओं के साथ मारपीट और अमानवीय व्यवहार किये जाने के आरोप सही पाए गए। वार्डन के खौफ से कई थे परेशान KGBV के एक कर्मचारी ने बताया कि विद्यालय में वार्डन के खौफ से सभी परेशान हैं। यह छात्राओं को बात-बात में पीटने के अलावा शिक्षिकाओं और दूसरे कर्मचारियों से भी अमानवीय व्यवहार करती हैं। करीब दो साल पहले दो शिक्षिकाओं ने बीईओ मोहनलालगंज को लिखित शिकायती पत्र दिया था, जिसमें आरोप लगाया था कि वार्डन आए दिन छात्राओं के साथ मारपीट करती हैं। उनसे काम कराती हैं। इस पर बीएसए राम प्रवेश को फोन किया गया, लेकिन कॉल नहीं उठा। वार्डन के दुर्व्यवहार से शिक्षिकाओं ने छोड़ी नौकरी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की दोनों शिक्षिकाओं ने वार्डन से परेशान होकर नौकरी छोड़ी हैं। आरोप है कि विद्यालय की वार्डन शिक्षिकाओं से छात्राओं के पढ़ाने के अलावा कार्यालय के दूसरे काम कराती थीं। बात-बात में झगड़ा करना और परेशान करती थी। जब भी यह शिक्षिकाएं अधिकारियों से शिकायत करती थी। अधिकारी शिक्षिकाओं का बिना पक्ष सुने वार्डन का ही समर्थन करते थे। वार्डन फिर इन्हें और परेशान करती थी। इसलिए दोनों शिक्षिकाओं ने बीते माह नौकरी छोड़ दी है। अब बीईओ ने छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होने का हवाला देते हुए बीएसए को भेजे पत्र में दो शिक्षिकाओं की मांग की है।

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