लखनऊ में बिजली निजीकरण के खिलाफ शक्ति भवन पर प्रदर्शन:विद्युत कर्मचारियों ने अधिकारियों का घेराव किया, 300 दिनों से कर रहे आंदोलन

लखनऊ में विद्युत कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मुख्य सचिव से अपील की है कि वे आल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन की मदद से पवार कॉर्पोरेशन द्वारा तैयार किए गए निजीकरण के संशोधित आरएफपी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न दें। संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा- निजीकरण के प्रस्ताव से कर्मचारियों में नाराजगी है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के 300 दिन पूरा होने पर लखनऊ में शक्ति भवन पर प्रदर्शन किया जा रहा। इसमें बिजली कर्मी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता शामिल हैं। त्योहारों पर बिजली बाधित नहीं हो संघर्ष समिति ने कहा- नवरात्र और रामलीला पर बिजली आपूर्ति बाधित न हो। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि निजीकरण की प्रक्रिया में आल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन की पूरी दखलंदाजी चल रही है। निजीकरण का संशोधित आरएफपी डॉक्यूमेंट निजी घरानों की मिली भगत से डिस्कॉम एसोसिएशन द्वारा तैयार किया गया है, जिससे पहले से तय निजी घरानों को लाभ पहुंचाया जा सके। जांच कराने की उठाई मांग संघर्ष समिति ने गोरखपुर और बस्ती क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी मेसर्स जीनस द्वारा विभाग के द्वारा रिजेक्टेड लिस्ट को अभियंताओं की आईडी से छेड़छाड़ कर 17 सितंबर की आधी रात में अप्रूव करने के मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही मेसर्स जीनस द्वारा किए गए रीडिंग घोटाले को छुपाने के लिए गोरखपुर के पांच अभियंताओं को निलंबित करने की निंदा करते हुए कहा है कि इसकी जांच कराई जाए। बहुत बड़ा स्मार्ट मीटर घोटाला सामने आएगा। संघर्ष समिति ने निलंबित अभियंताओं को तत्काल बहाल करने की मांग की है। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में भी प्रदर्शन किया जा रहा है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर