रेप के दोषी दो भाइयों को आजीवन कारावास:नौकरी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म, 22-22 हजार का जुर्माना

औरैया में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट विकास गोस्वामी ने बिधूना कोतवाली क्षेत्र में नौ साल पुराने सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो दोषी भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला सोमवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष के डीजीसी अभिषेक मिश्र और एडीजीसी मुकेश पोरवाल ने बताया कि यह मामला 10 दिसंबर 2016 का है। पीड़िता रोजगार की तलाश में थी, तभी बिधूना बस स्टैंड पर उसे मैनपुरी के किशनी थाना क्षेत्र के मोहल्ला हवेली निवासी निखिल उर्फ टीटू और भोला मिले। उन्होंने पीड़िता को एक स्कूल में 10 हजार रुपये मासिक वेतन पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। आरोपियों ने पीड़िता से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट ली और उसे अपने साथ चलने को कहा। पीड़िता उनके झांसे में आ गई। दोनों भाइयों ने उसे एक कॉलोनी में बंद कर दिया और लगातार चार दिनों तक उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। 14 दिसंबर 2016 की रात करीब नौ बजे पीड़िता किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर बिधूना कोतवाली पहुंची, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश 156 (3) के तहत 10 जनवरी 2017 को बिधूना कोतवाली में सामूहिक दुष्कर्म, एससीएसटी एक्ट और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने विवेचना पूरी कर दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। यह मुकदमा विशेष न्यायालय एससीएसटी एक्ट में चला। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मुकेश पोरवाल ने नौकरी का झांसा देकर चार दिन तक कमरे में बंद रखकर सामूहिक दुष्कर्म करने की घटना पर कठोर दंड देने की बहस की। वहीं, बचाव पक्ष ने आरोपियों को गरीब भाई बताते हुए उन पर दया करने की अपील की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विकास गोस्वामी ने दोषी अभियुक्त निखिल उर्फ छोटू और भोला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर लगाए गए 22-22 हजार रुपये के अर्थदंड में से आधी धनराशि (22 हजार रुपये) पीड़िता को अदा करने का भी आदेश दिया। सजा पाए दोनों भाइयों को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।

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