रिटायर्ड दरोगा के मकान को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचा:लखनऊ में जालसाजों ने फर्जी मालिक तैयार कर रजिस्ट्री कराई, FIR दर्ज
लखनऊ में रिटायर्ड दरोगा के मकान को जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर बेच दिया। पूरे मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। पीड़ित ने वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। आलमनगर निवासी सेवानिवृत्त दरोगा बाबूराम ने बताया- 28 फरवरी 2023 को ग्राम सलेमपुर पतौरा में 1500 वर्गफुट जमीन खरीदी थी। वहां तीन मकान बनवाए। हर एक मकान 500 वर्गफुट का है। इनमें से एक मकान 28 जनवरी 2025 को शैलेश पांडेय को बेचा था। लेकिन जब वे बाकी बचे दो मकानों में से एक को विभा गुप्ता नाम की महिला को दिखा रहे थे, तब पता चला कि उनके मकान को बेच दिया गया है। फर्जी बैनामा, फर्जी मालिक! विभा गुप्ता ने उन्हें बताया कि वो मकान तो पहले ही 11 मार्च 2025 को किसी मैफूज और सोनू शुक्ला के नाम बिका हुआ दिख रहा है। बाबूराम के नाम पर किसी ने फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर ये रजिस्ट्री करवाई थी। दोनों बैनामों में दोनों ही खरीदार एक-दूसरे के गवाह बने और एक तीसरे गवाह विनोद यादव को भी जोड़ दिया गया। बैंक ने कैसे कर दी रकम जारी? इस मामले में पत्रकारपुरम स्थित नैनीताल बैंक की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है। बाबूराम का आरोप है कि बिना दस्तावेजों की जांच किए, बैंक ने 11 मार्च को ही दो चेक के जरिए रकम भी ट्रांसफर कर दी। बाबूराम ने वर्तमान शाखा प्रबंधक देवाशीष पांडेय, पूर्व शाखा प्रबंधक अभिषेक अग्रवाल और बैंक के विधिक सलाहकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। मेरी पूरी जिंदगी की कमाई लूट ली बाबूराम ने तहरीर में लिखा है कि इस फर्जीवाड़े से उन्हें भारी मानसिक और आर्थिक झटका लगा है। उन्होंने आशंका जताई कि भविष्य में उनके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है। वजीरगंज थाना पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/YeyombS
Leave a Reply