राम मंदिर में निर्माण कार्य अक्टूबर तक होगा पूरा:25 नवम्बर को शिखर पर फहरेगा भगवा ध्वज, परिसर में हरियाली और फुलवारी से सजाने का काम तेज
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने हाल ही में हुए बैठक में अक्टूबर के अंत तक मंदिर और उससे जुड़ी परियोजनाएं पूरी होने की बता कही है। परकोटे में बनी तीनों लिफ्ट तैयार हैं और सभी छह मंदिरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 25 नवम्बर को मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण समारोह प्रस्तावित है, जिसके लिए श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भीड़ प्रबंधन हेतु सुग्रीव किला मार्ग और नया रास्ता तैयार है। साथ ही परिसर को हरियाली और फुलवारी से सजाने का काम भी तेजी से जारी है। लिफ्ट और मंदिरों का काम पूरा समिति की ओर से बताया गया कि परकोटे में निर्माणाधीन तीनों लिफ्ट तैयार हो चुकी हैं। उत्तर दिशा और पश्चिम दिशा की लिफ्ट का निर्माण पूरा हो गया है। वहीं परिसर में स्थित सभी छह मंदिरों को कुशल कारीगर अंतिम रूप दे रहे हैं। मंदिरों की दीवारों और कलात्मक संरचनाओं पर अंतिम स्पर्श का काम तेजी से चल रहा है। ध्वजारोहण समारोह की तैयारी राम मंदिर के शिखर पर 25 नवम्बर को ध्वजारोहण समारोह प्रस्तावित है। इसके लिए अलग-अलग स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। एक ओर अतिथियों को आमंत्रित करने और उनके स्वागत की रूपरेखा तैयार की जा रही है, तो दूसरी ओर श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुगम दर्शन की व्यवस्था पर भी मंथन जारी है। दर्शनार्थियों के लिए नई व्यवस्था श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रस्ट ने दर्शन व्यवस्था को और सुगम बनाने का निर्णय लिया है। सामान्य स्थिति में दर्शनार्थियों को सुग्रीव किला के बगल जन्मभूमि पथ से ही वापस भेजा जाएगा। वहीं भीड़ बढ़ने की दशा में उन्हें क्रासिंग थ्री और वाटर वर्क्स कार्यालय के बीच बनाए गए नए रास्ते से बाहर निकाला जाएगा। करीब 100 फीट चौड़े जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं का प्रवेश दाहिनी ओर से और निकास बाईं ओर से होगा। फिलहाल श्रद्धालु सुग्रीव किला और अंगद टीला के बीच से लौटते हैं। हरियाली और फुलवारी का विकास मंदिर निर्माण के साथ-साथ परिसर को हरित और सौंदर्यपूर्ण बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। परिसर में कई उद्यान विकसित किए जा रहे हैं। कृत्रिम घास और क्यारियों में फुलवारी तैयार की जा रही है। अंगद टीला, जहां गिलहरी की मूर्ति स्थापित है, को पूरी तरह हरा-भरा कर दिया गया है। वहीं करीब 10 एकड़ क्षेत्र में पंचवटी को हरित पट्टी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां एक जलाशय का भी निर्माण होगा। दिन-रात चल रहा काम राम मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही निर्माण सामग्री, मशीनों की आवाज और श्रमिकों की सक्रियता यह संकेत देती है कि टीम अपने लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए पूरी मेहनत से जुटी है। विशेषज्ञ और इंजीनियर अलग-अलग गुटों में बैठकर योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। संकल्प और श्रद्धा से भरे इस काम में हर दिन नई प्रगति हो रही है।
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