रामलीला के पांचवें दिन भगवान राम की भव्य बारात निकली:नगर वासियों ने पग-पग पर स्वागत किया, जनकपुर पहुंचने पर सिया ने वरमाला पहनाई
भगवान श्री राधा कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन में चल रही श्री रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन प्रभु श्री राम की भव्य बारात निकाली गई। शहर के गोपीनाथ बाजार से शुरू बारात ने करीब 5 किलोमीटर का रास्ता 7 घंटे में तय किया। प्रभु श्री राम की बारात का शहर वासियों ने पग-पग पर स्वागत किया। घोड़ों पर सवार हुए चारों राजकुमार श्री रामलीला कमेटी वृंदावन के तत्वाधान में चल रही रामलीला के पांचवें दिन भगवान श्री राम की भव्य बारात निकाली गई। भगवान श्री राम सहित चारों भाई सज धज कर घोड़ों पर विराजमान हुए तो सभी जय जयकार करने लगे। चारों भाईयों की कमेटी के सदस्यों ने आरती की इसके बाद बारात शुरू हुई। 5 दर्जन से ज्यादा निकली झांकी भगवान श्री राम की बारात गोपीनाथ बाजार से शुरू हो कर पत्थर पुरा,रंग जी मंदिर,अनाज मंडी,प्रताप बाजार,रेतिया बाजार,लोई बाजार,बनखंडी,बांके बिहारी जी बाजार होते हुए विद्यापीठ चौराहा पर बनाई गई जनकपुरी पर पहुंची। राम बारात में 5 दर्जन से ज्यादा झांकी,दिल्ली,आगरा मथुरा,वृंदावन के बैंड के अलावा काली के स्वरूप भी थे। पग पग पर हुई आरती प्रभु श्री राम बारात लेकर माता जानकी जी को ब्याहने निकले तो शहर वासियों ने उनके स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए। स्थिति यह हो गई कि 5 किलोमीटर का सफर तय करने में बारात को 7 घंटे लगे। दूल्हा बने प्रभु श्री राम की आरती करने को नगरवासी आतुर नजर आए। जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। जनकपुरी पहुंचने पर महल से सिया ने देखे प्रभु राम प्रभु श्री राम की बारात नगर भ्रमण करते हुए जैसे ही जनकपुरी पहुंची तो सिया जी ने महल के झरोखे से दूल्हा बने प्रभु श्री राम को निहारा। दोनों की नजर मिली और फिर बारात जनकपुर के मंच पर पहुंची। जहां महिलाएं मंगल कलश लेकर उनके समक्ष पहुंचीं। जनकपुरी पहुंचने पर बारात का भव्य स्वागत किया गया। महिलाओं ने प्रभु को सुनाए विवाह के मंगल गीत बारात के जनकपुर पहुंचने पर जब वरमाला के लिए जानकी जी को बुलाने के लिए कहा तो उनकी सखी रूप में मौजूद महिलाओं ने भगवान राम को विवाह के मंगल गीत सुनाए और खूब हंसी ठिठोली की। इसके बाद दुल्हन बनी सीता जी अपनी चारों बहन सहित वरमाला लेकर जनक महल से निकलीं। जानकी जी ने डाली प्रभु श्री राम के वरमाला जनकपुरी में भगवान राम और जानकी जी के विवाह की लीला हुई। यहां मंच पर पहुंचते ही माता सीता ने प्रभु श्री राम को वरमाला पहनाई तो उनकी तीनों बहनों ने तीनों भाईयों को भी वरमाला पहनाई। इसके बाद जनकपुरी के लोगों ने दूल्हा बने चारों भाईयों की महाआरती की। इस दौरान सभी लोग सियावर राजा रामचंद्र की जय जयकार करने लगे।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/3YP2fd9
Leave a Reply