‘रामभद्राचार्य ने कौन से कर्म किए, आंखे छिन गई’:अयोध्या में चंद्रशेखर बोले-सनातन के अनुसार दिव्यांग जगदगुरु नहीं हो सकता, संविधान न मानना उनका विचार
“सनातन की मान्यता के अनुसार कोई दिव्यांग जगदगुरु नहीं हो सकता। आखिर ऐसा कौन सा कर्म था, जिसके कारण रामभद्राचार्य की आंखें छिन गईं। यह कहना कोई अपराध नहीं है। अगर रामभद्राचार्य डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान को नहीं मानते तो यह उनका विचार है, लेकिन देश संविधान से ही चलता है। प्रधानमंत्री भी संविधान को माथे पर लगाते हैं। जिसे संविधान से दिक्कत है, वह इस देश में क्यों रहे। आजाद समाज पार्टी संविधान विरोधियों को जेल भेजने का काम करेगी।” ये बातें भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने अयोध्या के सहादतगंज में कही। वह यहां के एवर लॉन में प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जो लोग कहते थे अयोध्या में प्रवेश नहीं करने देंगे, वे आकर मुझसे मुकाबला करे चंद्रशेखर आजाद ने कहा- हाल ही में कुछ संतों ने बयान दिया था कि वे मुझे अयोध्या में घुसने नहीं देंगे। आज मैं अयोध्या की धरती पर आकर खड़ा हूं। वे लोग आकर मुझसे मुकाबला करें। भारत का संविधान मुझे और करोड़ों लोगों को अधिकार देता है कि हम कहीं भी जा सकते हैं। मुझे अयोध्या आने से कोई नहीं रोक सकता है। मैं देश में कही पर भी अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र हूं। विधानसभा चुनाव में 50% युवाओं को देंगे टिकट चंद्रशेखर ने अपनी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आने वाले 17–18 महीनों तक चैन की नींद न सोएं, बल्कि गांव-गांव जाकर पार्टी की नीतियों और विचारधारा को फैलाएं। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी लगभग 50% टिकट पिछड़े वर्ग के प्रत्याशियों को देगी। राजनीतिक भागीदारी के बिना सामाजिक न्याय अधूरा है। इसलिए हमारी पार्टी ने ये फैसला किया है। अयोध्या में गरीबों की जमीनें औने-पौने दामों पर खरीदकर उद्योगपतियों को दी गई मीडिया से बातचीत के दौरान चंद्रशेखर ने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- इस परियोजना में अनुसूचित जाति के लोगों की सबसे अधिक भूमि अधिग्रहित की गई है। 150 से ज्यादा मकान तोड़े जा चुके हैं, लेकिन न उचित मुआवजा दिया गया और न ही पुनर्वास की व्यवस्था की गई। सरकार गरीबों की जमीनें औने-पौने दामों पर खरीदकर उद्योगपतियों को दे रही है। उनका कर्तव्य है लाखों पीड़ितों के आंसू पोंछना और बहन-बेटियों की सुरक्षा करना। समर्थकों से अपील की कि वे समानता और सशक्त समाज के निर्माण के लिए संघर्ष करें। ——– ये खबर भी पढ़ें- योगी बोले- देश विभाजित था, तभी गुलाम हुआ:हमें फिर नहीं बंटना, भारत ऐसे ही सोने की चिड़िया नहीं था गोरखपुर में योगी ने कहा- यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ। हमें फिर से विभाजित नहीं होना है। विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए पंच प्रण लेना होगा। ये पंच प्रण हैं- गुलामी की मानसिकता को खत्म करना होगा। अपने अंदर की हीन भावना को खत्म करना होगा। पढ़िए पूरी खबर…
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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