राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर उठाए सवाल:दीक्षांत समारोह में भवनों की खराब स्थिति पर जताई चिंता
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और बुनियादी ढांचे पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने अपनी टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के आधार पर कई कमियों को उजागर किया। राज्यपाल ने बताया कि उनकी एक टीम गोपनीय रूप से विश्वविद्यालयों का जायजा लेती है। इस टीम ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का भी निरीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि कक्षाएं केवल भोजपुरी भवन में संचालित हो रही हैं। यह भवन पुराना और ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है, जिसकी स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि एकेडमिक भवन लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन सीलन और अन्य खामियों के कारण इसे अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है। राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने एक साल पहले भी यही भवन देखा था और तब भी यही गलतियां मौजूद थीं। इसी तरह, नया लाइब्रेरी भवन भी लगभग तैयार है, लेकिन उसका भी हैंडओवर नहीं हुआ है। वर्तमान में भोजपुरी भवन में एक बहुत छोटी लाइब्रेरी चल रही है। मूल्यांकन भवन दो बड़े कमरों में चल रहा है, जो पुराना प्रशासनिक भवन है। राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने सितंबर 2024 में प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया था, लेकिन आज उसमें टीकाकरण का कार्य हो रहा है और सीलन के कारण आधा भवन उपयोग में नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि भवनों के आसपास सफाई की कमी है। राज्यपाल ने भवनों के आसपास गड्ढों और पानी जमा होने के संबंध में कहा कि बरसात का मौसम होने के कारण इसे माफ किया जा सकता है, लेकिन भवनों का हैंडओवर न होने का कारण विश्वविद्यालय प्रशासन को बताना होगा।
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