राजस्व मामले निपटाने में लखनऊ प्रदेश में नंबर वन:जौनपुर जनपदीय न्यायालयों में फिर अव्वल; सितंबर में 3.88 लाख राजस्व वादों का हुआ निस्तारण
यूपी में राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस प्रणाली से जारी सितंबर माह की रिपोर्ट में राजधानी लखनऊ ने पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व वाद निस्तारित कर पहला स्थान हासिल किया है। वहीं जनपदीय न्यायालयों में जौनपुर ने एक बार फिर बाजी मारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर चलाए जा रहे राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण अभियान का असर होना माना जा रहा है। योगी सरकार की मॉनीटरिंग से बढ़ी रफ्तार राजस्व विवादों के त्वरित समाधान के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग लगातार जारी है। मुख्यमंत्री खुद हर माह जिलावार समीक्षा करते हैं और जिलाधिकारियों को निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश देते हैं। इसी के परिणामस्वरूप प्रदेश में मामलों के निपटारे में व्यापक सुधार देखने को मिल रहा है। योगी सरकार का फोकस जनता को त्वरित न्याय दिलाने और प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने पर है। लखनऊ में सबसे अधिक 21,296 मामले निपटाए राजस्व परिषद की सितंबर रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में कुल 3,88,145 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। इनमें लखनऊ जिले ने 21,296 मामलों को निपटाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रयागराज ने 11,396 मामलों के निस्तारण के साथ दूसरा, शाहजहांपुर ने 9,075 मामलों के साथ तीसरा और जौनपुर ने 8,856 मामलों के साथ चौथा स्थान हासिल किया। वहीं गोरखपुर 8,448 मामलों के निस्तारण के साथ पांचवें स्थान पर रहा। जौनपुर के जनपदीय न्यायालय फिर टॉप पर जनपद स्तरीय राजस्व न्यायालयों की बात करें तो जौनपुर ने एक बार फिर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की आरसीसीएमएस रिपोर्ट के अनुसार, जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने सितंबर में निर्धारित मानक से कहीं अधिक 704 मामलों का निस्तारण किया। यह आंकड़ा बोर्ड के प्रति माह 250 मामलों के मानक की तुलना में 281.60 प्रतिशत अधिक रहा। डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि “सीएम योगी के निर्देशों के अनुरूप हर स्तर पर राजस्व वादों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।” लखीमपुर और बस्ती दूसरे-तीसरे स्थान पर जनपदीय न्यायालयों में लखीमपुर खीरी ने मानक 300 के सापेक्ष 415 मामलों का निस्तारण कर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि बस्ती ने 412 मामलों के साथ तीसरा स्थान पाया। फतेहपुर में जिलाधिकारी न्यायालय ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए निर्धारित 30 के मानक के मुकाबले 79 मामलों का निपटारा कर 263.33 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जिससे वह प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। भू-राजस्व मामलों में भी जौनपुर अव्वल अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) स्तर पर भी जौनपुर ने पूरे प्रदेश में बाजी मारी है। निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष एडीएम भू-राजस्व ने 251 वादों का निस्तारण किया। वहीं गाजीपुर के एडीएम भू-राजस्व ने 30 और मीरजापुर ने 24 मामलों के साथ क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
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