यूपी से नेपाल पटाखा तस्करी करा रहे चौकी इंचार्ज:डायरी में हिसाब, कैमरे पर बोले- अलग से पैसा लगेगा

पटाखों पर बहुत सख्ती है। नेपाल में भी DIG-SP चेंज हो गए हैं। पटाखे का लाइन (गाड़ी निकालने के बदले रुपया) अलग से लगेगा। दीपावली तक निकलवाएंगे। उतने में तो पूरा नेपाल पट जाएगा पटाखे से… लेकिन एक चीज ध्यान रखिए- हमारे क्षेत्र में कहीं पटाखा स्टोर मत करवाइएगा। ये कहना है खुनुवां-नेपाल बॉर्डर के चौकी इंचार्ज सुधीर त्रिपाठी का। ये जनाब अपने कमरे में बैठकर तस्करी की डील कर रहे हैं। बॉर्डर से एक गाड़ी निकालने के 200 रुपए वसूलते हैं। इनके पास एक डायरी है, इसमें तस्करी करने वालों का नाम-पता और हिसाब-किताब लिखते हैं। पिछले महीने बागपत से पुलिस ने एक गाड़ी में बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पटाखे पकड़े। इस कार्रवाई से सवाल खड़ा हुआ कि क्या यूपी से नेपाल पटाखों की तस्करी इतनी आसानी से हो रही है? पटाखों की तस्करी के पीछे कौन अफसर शामिल हैं? क्या नेपाल जा रहे सामानों में अफसर अवैध वसूली भी कर रहे हैं? बस, यही जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने इन्वेस्टिगेशन शुरू किया। हमने 10 दिन तक बॉर्डर की चौकियों पर नजर रखी। हमने खुनुवां चौकी इंचार्ज और लैंड कस्टम्स स्टेशन के इंस्पेक्टर से गाड़ियां निकालने की डील का स्टिंग किया। पढ़िए, पूरा खुलासा… हमें स्थानीय सोर्स से पता चला कि सिद्धार्थनगर जिले की कुछ चौकियों पर इम्पोर्ट होने वाले सामानों पर पुलिस चौकी और कस्टम के अफसर वसूली कर रहे हैं। इन्वेस्टिगेशन के लिए हमने खुनुवां-नेपाल बॉर्डर का इलाका चुना। यहां लैंड कस्टम्स स्टेशन और पुलिस चौकी है। हमारा अगला कदम था- चौकी इंचार्ज से व्यापारी बनकर डील करना। इसके लिए पहले एक सप्ताह व्यापारी बनकर यहां के दलालों और पुलिस कर्मियों से जान-पहचान बढ़ाई। जब उन्हें विश्वास हो गया कि हम व्यापारी हैं तो चौकी इंचार्ज सुधीर त्रिपाठी से मिले। त्रिपाठी से हमने फ्लाई-ऐश, सब्जी, फल की गाड़ियां निकालने से लेकर पटाखों की तस्करी तक की बात की… रिपोर्टर: हमारी गाड़ी आती है। ट्रेडिंग का काम है। फ्लाई-ऐश और सब्जियां-फल निकलते हैं ट्रक से। सर (चौकी इंचार्ज सुधीर त्रिपाठी) से मिलना है। दीवान: साहब से मिलना चाहते हैं? रिपोर्टर: हां, हां। दीवान: देखते हैं… दीवान चौकी इंचार्ज के कमरे में उन्हें देखने जाते हैं। थोड़ी देर बाद वापस आते हैं और रिपोर्टर को चौकी इंचार्ज के आवास पर चलने को कहते हैं। दीवान आगे चलते हैं, रिपोर्टर पीछे-पीछे। चौकी इंचार्ज के कमरे में प्रवेश के बाद… इतनी बातचीत के बाद चौकी इंचार्ज से हमने पटाखों को लेकर बात की। जानिए उन्होंने क्या कहा? लाइन डायरी में तस्करों के नाम-पते लिखे बातचीत के दौरान चौकी इंचार्ज सुधीर त्रिपाठी ने एक डायरी निकाली। इसे लाइन डायरी बोला जाता है। इसमें तस्करों के नाम-पते और उनसे हुई डील का हिसाब-किताब रखा जाता है। चौकी इंचार्ज ने हमसे नाम, मोबाइल नंबर पूछा और इस डायरी में नोट कर लिया। लेन-देन की बात… ₹300 प्रति गाड़ी करने वाले हैं रिपोर्टर: सर, फ्लाई-ऐश वाली गाड़ी का कुछ कम कर लीजिए। 200 रुपए प्रति गाड़ी लगेगा या कम करेंगे? चौकी इंचार्ज: (सिर हिलाकर) नहीं, नहीं। रिपोर्टर: कुछ कम कर लीजिए साहब, हमारी गाड़ियां भी तो ज्यादा निकलेंगी। चौकी इंचार्ज: हम यहां पर ₹300 प्रति गाड़ी करने वाले हैं। यह ₹200 वाला परंपरा बहुत पुराना हो गया। काफी दिनों से चल रहा है। कितने दिन से काम कर रहे हैं आप? रिपोर्टर: सर, अभी नए हैं। चौकी इंचार्ज से हुई बातचीत में साफ हो गया कि वे फ्लाई-ऐश, सब्जी, फल की एक गाड़ी निकालने के 200 रुपए लेंगे। पटाखों की तस्करी कराने के लिए भी तैयार हो गए और इसके लिए अलग से रुपए की डिमांड की। क्या कस्टम ऑफिस में भी गाड़ियां निकालने के लिए रुपए लिए जा रहे हैं? इस सवाल के जवाब के लिए हम खुनुवां बॉर्डर पर मौजूद लैंड कस्टम्स स्टेशन पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात कस्टम इंस्पेक्टर शंभू प्रसाद से हुई… कमाई का गणित… रोज 8 लाख रुपए की वसूली अकेले खुनुवां चौकी से रोज करीब 150 गाड़ियां निकलती हैं। सिद्धार्थनगर जिले की सीमा नेपाल से लगभग 78 किलोमीटर तक लगी है। इस सीमा पर 8 बॉर्डर हैं। इनमें से 4 बड़े बॉर्डर गेट हैं, जहां से भारत-नेपाल के बीच सामानों का आयात-निर्यात होता है। 4 छोटे बॉर्डर गेट हैं, जहां से लोग सिर्फ पैदल रास्ते से आवाजाही करते हैं। इन 8 चौकियों से 500 से ज्यादा गाड़ियों में सामान रोज नेपाल जा रहा है। यूपी के 7 जिले का बॉर्डर नेपाल से जुड़ा है। यहां से 2 हजार गाड़ियां रोज निकल रही हैं। पुलिस एक गाड़ी से 200 रुपए वसूल रही है। यानी 4 लाख रुपए रोज की कमाई। वहीं कस्टम वाले भी एक गाड़ी से 200 से 300 रुपए वसूल रहे हैं। यानी ये भी 4 लाख रुपए रोज कमा रहे। इन दोनों की 2.40 करोड़ रुपए हर महीने कमाई है। इसके अलावा सामानों की तस्करी कराई जा रही है, उस पर अलग से कमाई कर रहे हैं। 14 करोड़ का गांजा तस्करी होते पकड़ाया
भारत-नेपाल सीमा खुनुवां बॉर्डर पर 25 सितंबर को काठमांडू से दिल्ली आ रही यात्री बस से 14.376 किलो थाईलैंड निर्मित गांजा मिला था। दो इलेक्ट्रिक गीजर के अंदर बने गुप्त खांचों में ये गांजा छिपाया था। गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 14.38 करोड़ रुपए है। इस संबंध में हमने DIG बस्ती संजीव त्यागी को कॉल किया तो उनके PRO ने कहा- आप सवाल भेज दीजिए। हमने उन्हें सवाल वॉट्सऐप किए, लेकिन जवाब नहीं मिला। —————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- बड़े अस्पताल जाओ… यहां डॉक्टर नहीं:रात 12 से सुबह 5 बजे तक सरकारी अस्पतालों में इलाज ठप, नर्स करती है अबॉर्शन; देखें स्टिंग यूपी के कई सरकारी अस्पताल रात को भगवान भरोसे चलते हैं। यहां डॉक्टर नहीं मिलते। नर्स और बाकी स्टाफ चैन की नींद सोता है। डिलीवरी के लिए कोई गर्भवती पहुंचे, तो इलाज नहीं मिलता। दैनिक भास्कर की टीम ने रात 12 से सुबह 5 बजे तक 6 CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) का इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़ें पूरी खबर यूपी में चल रहे अफ्रीकन-रशियन गर्ल्स के सेक्स रैकेट:स्पा सेंटर्स में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर कस्टमर्स फंसा रहे; देखें स्टिंग अफ्रीकन… रशियन… थाई… ये लड़कियां जिस्मफरोशी के लिए खुद की नुमाइश कर रही हैं। यूपी में स्पा सेंटर की आड़ में इंडियन और थाई गर्ल्स से वैश्यावृत्ति कराना आम बात है। अब इन स्पा सेंटरों में काम्पिटिशन इतना बढ़ गया कि ये कस्टमर्स को फंसाने के लिए अफ्रीकन और रशियन गर्ल्स का सेक्स रैकेट चला रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर गली-चौराहे तक इनके एजेंट एक्टिव हैं, जो लड़कियां उपलब्ध करा रहे। पढ़ें पूरी खबर

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/ERBjyOr