यूपी में CMO ऑफिस में रिश्वत के रेट तय:बगैर दलाल के काम करने को तैयार नहीं स्टेनो, कैमरे पर मांगे 50 हजार
यूपी के CMO ऑफिस में हर काम के लिए रिश्वत के रेट तय हैं। नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, ब्लड बैंक या फिर पैथोलॉजी लैब खोलने के लिए यहां संपर्क करो तो कर्मचारी दलालों के पास भेज देते हैं। फिर दलाल रेट बताता है। रुपए दे दिए तो काम हो जाएगा। नहीं तो ऑफिस के चक्कर लगाते रहिए…। कर्मचारी-अधिकारी हर बार कोई न कोई खामी निकालकर फाइल लौटा देंगे। दैनिक भास्कर ने इन्वेस्टिगेशन कर यह जानने की कोशिश की कि क्या पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन के लिए भी CMO ऑफिस में रिश्वत ली जा रही? जवाब के लिए हमने 15 दिन तक एटा में CMO ऑफिस के चक्कर लगाए। यहां दलालों-बाबुओं का दलाली और रिश्वतखोरी का पूरा नेटवर्क कैमरे में कैद किया। पढ़िए, सिलसिलेवार खुलासा… हम एटा के CMO ऑफिस पहुंचे। पहले फ्लोर पर चढ़ते हुए दफ्तर के बाहर खड़े बाबू दीपक पांडेय से मुलाकात हुई। हमने एक कहानी बनाई कि कानपुर की एक लैब में काम करते हैं। अब खुद की पैथोलॉजी लैब खोलना है। हमने लैब के रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस और कागजों के बारे में पूछा तो बाबू ने राघव कम्प्यूटर सेंटर जाने को बोला… हम दीपक से बात करके CMO ऑफिस से बाहर निकले और राघव कम्प्यूटर सेंटर पहुंचे। यहां मो.सोहिब से मुलाकात हुई। मो.सोहिब ने पहले तो प्रोसेस बताई। फिर बाबुओं के खास दलाल का पता दिया। दलाल कासिम का नंबर लेने के बाद हम अलीगढ़ पहुंचे। यहां कासिम से फोन पर बात की। कासिम ने अलीगढ़ न होने की बात कहते हुए कासगंज बुलाया। हम कासगंज के रोडवेज बस स्टैंड के पास मिले। दलाल कासिम से हमने CMO ऑफिस में जल्दी काम करवाने के बारे में पूछा तो उसने CMO के स्टेनो मुकेश का नाम लिया। इसके अलावा डॉक्टर के दफ्तर में नहीं आने पर काम निकालने के तरीके भी बताए। हमारी इन्वेस्टिगेशन की आखिरी कड़ी में CMO के स्टेनो बाबू मुकेश का नाम सामने आया। हम मुकेश से मिलने CMO ऑफिस पहुंचे। यहां मुकेश नहीं थे। फोन किया तो मुकेश ने एटा के CMO आवास में बुलाया। एटा के कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम सिंह ने बताया- हमारी जानकारी में कोई ऐसा मामला नहीं आया है। जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। डीजी हेल्थ आरपी सुमन से जब पूछा कि यूपी मे पैथोलॉजी खोलने के नाम से CMO दफ्तर के बाबू रिश्वत ले रहे हैं, उन्होंने बताया ऐसा कुछ भी नहीं है। —————————————- ये इन्वेस्टिगेशन खबरें भी पढ़ें- किराए की डिग्री पर पैथोलॉजी, खांसी को बताया कैंसर, यूपी में कमाई के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ ‘देखिए, डॉक्टर 10 हजार रुपए महीना लेता है। 1 लाख 20 हजार रुपए हुए साल के… ये पहले हो जाता था 60 हजार रुपए में। अब 60 हजार में मिल जाए (MD pathologist) तो एक लाख रुपए मुझसे ले जाना। कम से कम 80 हजार रुपए साल के लगेंगे।’ यह कहना है, अलीगढ़ के एमडी पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष कुमार वार्ष्णेय का। पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन के लिए ये अपनी डिग्री किराए पर देने के लिए मोलभाव कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर यूपी में बिना पढ़े 80 हजार में बन रहे डॉक्टर, डिग्री-डिप्लोमा बेच रहे दलाल बोले- कश्मीर तक के लोग भी ले गए यूपी में पैसे लेकर एक से छह महीने में फर्जी डॉक्टर बनाए जा रहे हैं। दलाल बैक डेट में डिग्री दिलाने का दावा कर रहे हैं। कहते हैं- कश्मीर तक के लोग यहां से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। दलालों का ये पूरा कबूलनामा भास्कर के हिडन कैमरे में कैद हुआ। 17 मई, 2025 को यूपी के हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी के जरिए बड़े पैमाने पर डिग्रियां बेचने का खुलासा हुआ था। पढ़िए पूरी खबर यूपी के कॉलेजों में बिना परीक्षा पास होने की गारंटी, विधायक-पूर्व मंत्री के कॉलेज भी; घर बैठे 3 लाख में LLB कीजिए यूपी के प्राइवेट कॉलेजों में पैसे देकर कोई भी डिग्री खरीदी जा सकती है। इनमें ज्यादातर कॉलेज पॉवरफुल लोगों के हैं। जिनमें पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक और बिजनेसमैन शामिल हैं। यहां BSc, BA की परीक्षाएं और प्रैक्टिकल न देने के हर पेपर पर रेट फिक्स हैं। सामूहिक नकल कराकर 90% नंबरों से पास करने का दावा किया जा रहा। घर बैठे 3 लाख रुपए में LLB और 4.40 लाख में PhD करा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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