यूपी में क्लिनिक चला रहे सरकारी डॉक्टर:मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने-अस्पताल में इलाज के टाइम पर प्राइवेट प्रैक्टिस, बोले- किसी की औकात नहीं…
‘वहां कोई दिक्कत नहीं…किसी की अंदर घुसने की औकात नहीं है…, केवल राजू भैया के अलावा। रिलैक्स रहते हैं। वो खुद कहते हैं- ये हमारे डॉक्टर हैं… दोबारा से बात मत करना। जब वे आते हैं, तो हम लोगों से मिलते हैं… कोई अंदर नहीं आता। वहां बहुत मस्त है मामला…।’ ये कहना है अलीगढ़ जिले में अतरौली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ.रंजीत सिंह राजपूत का। ये सरकारी डॉक्टर हैं। लेकिन, ड्यूटी टाइम में 120 किमी दूर एटा स्थित अलीगंज के रंजीत नगर में अपने प्राइवेट अस्पताल में बैठे मिले। दैनिक भास्कर ने जब इनसे सवाल किया तो पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे पूर्व सांसद राजवीर सिंह यानी राजू भैया का हवाला देने लगे। ये तो हुई सरकारी डॉक्टर की बात। अब चलिए, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों को भी देख लेते हैं। एटा के वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के कुछ प्रोफेसरों पर नजर रखी। इसमें पता चला कि ये ड्यूटी टाइम में 80 किमी दूर खुद के अस्पताल में इलाज करते हैं। इनमें कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार, सर्जरी डिपार्टमेंट के HOD डॉ. अरशद जमाल और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की HOD डॉ. हिमा वार्ष्णेय शामिल हैं। हमने इनका इन्वेस्टिगेशन शुरू किया। दरअसल, 4 जुलाई, 2025 को एटा के इस मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें लिखा- HOD पैथोलॉजी द्वारा प्रतिदिन आने वाले नियमित कर्मचारी की उपस्थिति रोकी जा रही है, विभाग की उपस्थिति सूची से नाम हटाया जा रहा है, जबकि HOD स्वयं सप्ताह में दो बार आती हैं। यहां डॉ. हिमा वार्ष्णेय पैथोलॉजी हेड हैं। इस पोस्ट के साथ जुलाई के हाजिरी रजिस्टर के 2 फोटो भी वायरल किए। पहले फोटो में डॉ. हिमा के 5 जुलाई तक कोई हस्ताक्षर नहीं हैं। दूसरी फोटो में जुलाई के पूरे महीने में हस्ताक्षर हैं। डॉ. अंकिता ने बताया- डिपार्टमेंट हेड मैडम के न आने से काम में दिक्कत होती है। ऐसे में हम अपनी समस्या किससे कहें? इस पोस्ट से जो सवाल उठे उनके जवाब के लिए हमारी टीम ने एटा और अलीगढ़ रहकर 20 दिन इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, पूरा खुलासा… हमने सबसे पहले डॉ. मनोज कुमार को मेडिकल कॉलेज में तलाशा। वहां वे नहीं मिले। फिर 80 किमी दूर अलीगढ़ में सेंटर पाइंट स्थित उनके धीरज अस्पताल पहुंचे। यहां डॉ. मनोज बैठे मिले। वह मरीज देख रहे थे। हम भी मरीज बनकर उनसे मिले। हिडन कैमरे में उनसे सवाल किए… सोमवार-गुरुवार अवॉइड करना, बाकी कभी भी आ सकते हो रिपोर्टर: डॉक्टर साहब, आपकी सिटिंग क्या रहती है? डॉ. मनोज: सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक। फिर शाम 6 से रात 8 बजे तक। रिपोर्टर: आपको दिखाने अस्पताल में कभी भी आ सकते हैं क्या? डॉ. मनोज: हां, आ सकते हो। वैसे सोमवार और गुरुवार को अवॉइड करना। बाकी कभी भी आ सकते हैं। इसके बाद हमने दवा का पर्चा लिया, जिसमें कुछ ब्लड टेस्ट लिखे थे। हम ब्लड टेस्ट कराने के बहाने हॉस्पिटल से बाहर आ गए। हमें जानकारी मिली कि डॉ. अरशद जमाल जीवन धारा हॉस्पिटल में बैठते हैं। हम अस्पताल पहुंचे। यहां बैठे कर्मचारी ने बताया- डॉ. जमाल नहीं हैं। जब सर्जरी का पेशेंट आता है, तो उन्हें बुला लेते हैं। वे शाम को पॉल हॉस्पिटल में बैठते हैं। हम रात 8 बजे पॉल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां पता चला डॉक्टर साहब जा चुके हैं। रामघाट रोड स्थित डॉ. अरशद जमाल सर्जिकल क्लिनिक पहुंचे। यहां उनसे मुलाकात हुई। हमने यहां पेशेंट दिखाने के बहाने कुछ जांच रिपोर्ट उन्हें दिखाई। डॉ. जमाल से हुई बातचीत में साफ हो गया कि वे किसी भी समय मरीज देखने के लिए अपने प्राइवेट अस्पताल, क्लिनिक में उपलब्ध हैं… कोई सर्जरी वाला आ जाता है, तो चला जाता हूं… रिपोर्टर: डॉक्टर साहब, आपकी यहां सिटिंग का क्या टाइम है? डॉ. अरशद जमाल: यहां मेडिसन वालों का टाइम रहता है। सर्जरी वाला आ गया तो चला जाता हूं। वैसे सुबह 10 से 11 बजे तक आ जाते हैं। कल तुम अपनी माताजी को सुबह 11 बजे रिक्शे में बैठाकर ले आना। फोन कर लेना। घर पीछे है। रिपोर्टर: वैसे आप यहां 2-3 बजे तक बैठते होंगे? डॉ. अरशद जमाल: हां, 2.30 बजे तक बैठते हैं। फिर शाम को 7 बजे तक आ जाते हैं। रिपोर्टर: हम 11 बजे तक आ जाएंगे? डॉ. अरशद जमाल: 11, साढ़े 11 बजे, 1 बजे तक आ जाओ। हम डॉक्टर को जांच रिपोर्ट दिखाने के बाद अगले दिन का टाइम लेकर वहां से निकल लिए। अब हम डॉ. हिमा वार्ष्णेय को खोजने निकले। ये MD पैथोलॉजिस्ट हैं। इनके पति डॉ. दीपक कुमार अलीगढ़ के औरंगाबाद चौराहे पर मूलचंद हॉस्पिटल चलाते हैं। इसी हॉस्पिटल कैंपस में उर्मिला डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से पैथोलॉजी है। मूलचंद हॉस्पिटल में हम मरीज बनकर डॉ. दीपक से मिले। डॉ. दीपक ने ब्लड टेस्ट कराने को कहा। इसके बाद हमने ब्लड सैंपल दे दिया… रिपोर्टर: भाई साहब, ब्लड सैंपल देना है, क्या ये लैब डॉक्टर हिमा वार्ष्णेय की है? सुमित (कर्मचारी): हां (इशारा करते हुए)। डॉ. दीपक: आप ब्लड जांच करवा लीजिए। यहां डॉ. हिमा वार्ष्णेय मैडम हैं… प्रोफेसर हैं। रिपोर्टर: क्या AMU (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में हैं? डॉ. दीपक: नहीं, हमारे यहां हैं। हम ब्लड सैंपल देकर निकल लिए। इसके अगले दिन हमने स्थानीय सोर्स को भेजकर रिपोर्ट मंगवा ली। रिपोर्ट में डॉ. हिमा का नाम और साइन हैं। यह तो साफ हो गया कि मेडिकल कॉलेज में HOD ड्यूटी टाइम में खुद के अस्पताल-क्लिनिक चला रहे हैं। अब क्या सरकारी डॉक्टर भी ऐसा कर रहे हैं? आइए, जानते हैं इनकी हकीकत… हमें जानकारी मिली कि अलीगढ़ जिले में अतरौली के CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में तैनात डॉ. रंजीत सिंह राजपूत एटा के अलीगंज में प्राइवेट क्लिनिक चला रहे हैं। ये डॉक्टर खुद को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे पूर्व सांसद राजवीर सिंह यानी राजू भैया का करीबी बताते हैं। हम एटा के अलीगंज कस्बा के राई रोड स्थित रंजीत नगर पहुंचे। यहां डॉक्टर रंजीत सिंह राजपूत का बोर्ड लगा है। करीब 40 पेशेंट बैठे थे। हमने फीस जमा करके नंबर लगवाया। हमें 42वां नंबर मिला। एक घंटे इंतजार के बाद नंबर आया और डॉक्टर के चैंबर में पहुंचे। डॉ. रंजीत को दिखाते हुए हमने बातचीत की… रिपोर्टर: आपको अतरौली आने-जाने में दिक्कत हो जाती होगी? डॉ. रंजीत: वहां कोई दिक्कत नहीं है। किसी की औकात नहीं, अंदर घुसने की। केवल राजू भैया के अलावा। रिलैक्स रहते हैं। वो खुद कहते हैं कि ये हमारे डॉक्टर हैं, दोबारा से बात मत करना। जब वे आते हैं तो हम लोगों से मिलते हैं, कोई अंदर नहीं आता। वहां बहुत मस्त है मामला। इंचार्ज के तरीके से रहते हैं वहां पर। रिपोर्टर: इंचार्ज तो दूसरे होंगे? डॉ. रंजीत: नहीं, वहां पर दूसरे डॉक्टर साहब हैं। हम लोग जाते हैं तो खुद ही कहते हैं वो, आप अंदर रहिए, ये हमारा घर है। हम लोग बताते हैं, सब सही है। वो मुख्यमंत्री की जगह है भाई। कोई घुसता ही नहीं। 2 साल होने जा रहे हैं। किसी की औकात नहीं है कि अंदर घुस जाए। रिपोर्टर: 2 साल होने जा रहे हैं आपको? डॉ. रंजीत: और क्या? हम मंगलवार को जाते हैं। अगले पूरे दिन यहां। फिर गुरुवार को जाते हैं। नाइट की। फिर शनिवार को जाते हैं। न कोई टेंशन, न कोई कॉल, न कोई झंझट। रिपोर्टर: यहां तो बड़ा बवाल था? डॉ. रंजीत: कुछ नहीं। अब तो मैंने खुद का खूंटा गाड़ लिया है। अब तो मैं ह्यूमन राइट का सचिव भी बन गया। हमको भी पेपर (अखबार) रखने (चलाने) का राइट हो गया है। बंदर से बचने के लिए लंगूर पालना बहुत जरूरी है। इसके बाद हमने डॉ. रंजीत से दवाई का पर्चा बनवाया और निकल लिए। डीजी हेल्थ बोले- कार्रवाई की जाएगी
इस मामले में हमने डीजी हेल्थ डॉ. आरपी सुमन से बात की। डीजी हेल्थ ने बताया ‘मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।’ पूर्व सांसद बोले- पूरी ड्यूटी करनी होगी इनपुट – धनंजय भदौरिया —————————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- आपकी पूजा में केमिकल वाला नकली चंदन:यूपी में खिन्नी की लकड़ी पर परफ्यूम; ऐसे 100 कारखाने, कैमरे में देखिए ठगी ये लकड़ी होती है… खिन्नी की, इसमें कोई महक नहीं होती। इसमें कंपाउंड (केमिकल मिक्सचर) मिलाया जाता है चंदन का… फिर यह महकती है चंदन जैसी। जब जलइयो चंदन-सी खुशबू होगी। अगर इसमें असली चंदन की लकड़ियां मिला दें, तो पहचानना मुश्किल हो जाता है। हम ही लोग पहचान पाते हैं। ये हैं यूपी के चंदन के बड़े कारोबारी, लेकिन ये चंदन होता नकली है। ये खिन्नी की लकड़ी पर चंदन की खुशबू वाले परफ्यूम का स्प्रे करके ऐसा नकली चंदन बनाते हैं कि आम लोग पकड़ ही नहीं पाते। पढ़ें पूरी खबर महिलाएं कागजों पर ‘नेता’, कुर्सी पर पति का कब्जा:भास्कर टीम मिलने पहुंची तो पति बोले- हम ही सबकुछ संवैधानिक पदों पर महिलाओं को आरक्षण देने के बाद महिलाएं कितनी एक्टिव हुई हैं? क्या ये अपने क्षेत्र का काम खुद संभाल रही हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कुशीनगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर में 10 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। हम कुशीनगर से 25 किमी दूर सेवरही ब्लॉक पहुंचे। ऑफिस में भीड़ थी। अंदर गए तो महिला ब्लॉक प्रमुख अनु तिवारी की कुर्सी खाली थी। पढ़िए पूरी खबर मंत्री-विधायकों के गांवों में भी नहीं पहुंचा ‘हर घर जल’:विधायक की मां हैंडपंप से भर रहीं पानी; यूपी के जलशक्ति मंत्री का गांव भी प्यासा ‘रामप्यारी देवी। उम्र 75 साल, लेकिन जोर लगाकर हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर। रामप्यारी देवी कोई आम महिला नहीं। हमीरपुर के भाजपा विधायक डॉ. मनोज कुमार प्रजापति की मां हैं। इनके घर में जल जीवन मिशन की टोटी है, लेकिन पानी नहीं। पौथिया बुजुर्ग गांव विधायक डॉ. मनोज प्रजापति का पैतृक गांव है। सरकारी रिकॉर्ड में यहां जल जीवन मिशन का काम 100% हो गया है। अफसरों का दावा है कि यहां हर घर में पानी आ रहा है। पढ़ें पूरी खबर
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