यूपी की बड़ी खबरें:आठ IAS के तबादले, प्रभु नारायण सिंह को परिवहन निगम का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया
प्रदेश सरकार ने देर रात 8 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। नियोजन विभाग की सचिव और अर्थ एवं संख्या की महानिदेशक सेल्वा कुमारी जे को प्राविधिक शिक्षा का महानिदेशक बनाया गया है। समीर वर्मा अभी तक वेटिंग चल रहे थे। वे सचिव नियोजन विभाग तथा महानिदेशक अर्थ एवं संख्या बनाए गए हैं। प्रतीक्षारत चल रहे प्रभु नारायण सिंह को प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम बनाया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया है। इसी तरह से आशीष कुमार विशेष सचिव स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग तथा अपर महानिरीक्षक निबंधन को प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम की जिम्मेदारी दी गई है। सुधीर कुमार नगर आयुक्त कानपुर नगर से विशेष सचिव स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग तथा अपर महानिरीक्षक निबंधन, अर्पित उपाध्याय मुख्य विकास अधिकारी रायबरेली से नगर आयुक्त कानपुर नगर और अंजुलता सचिव मुरादाबाद विकास प्राधिकरण से मुख्य विकास अधिकारी रायबरेली बनाई गई हैं। ट्रांसफर की लिस्ट देखिए… गोरखपुर में अफसर की गाड़ी से कुचलकर बच्ची की मौत, गेट खटखटाया तो ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी गोरखपुर में महराजगंज के जिला विकास अधिकारी (DDO) की गाड़ी ने एक बच्ची को कुचल दिया। बच्ची ने भीख मांगने के लिए कार का गेट खटखटाया था। तभी ड्राइवर ने कार आगे बढ़ा दी और वह के कार के नीचे आ गई। घटना के बाद बच्ची को लोगों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। हादसा गुलरिहा क्षेत्र के मोगलहा स्थित जेमिनी पैराडाइज के पास का है। मृत बच्ची की पहचान माधुरी के रूप में हुई है। उसका पिता नेवी उर्फ लंगड़ मूलरूप से बांसगांव थाना क्षेत्र के कौड़ीराम कस्बे का रहने वाला है। पढ़ें पूरी खबर… सहारा को लखनऊ हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, नगर निगम की सीलिंग को दी थी चुनौती सहारा को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत नहीं मिली है। सहारा समूह ने 7 अक्टूबर को लखनऊ नगर निगम की सहारा शहर में की जा रही कार्रवाई को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की पीठ ने आज यानी 8 अक्टूबर को याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने याचिका पर विचार करते हुए राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब-तलब किया। सहारा शहर के भीतर मौजूद मवेशियों को कान्हा उपवन ले जाने का भी आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। पढ़िए पूरी खबर…
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