मैनपुरी में झाड़ियों मे खून से लथपथ मिला नवजात:महिला ने अपनाया, बेहतर इलाज के लिए सैफई रेफर
मैनपुरी में झाड़ियों से एक नवजात खून से लथपथ हालत में मिला। गांव की एक महिला मिथिलेश शर्मा ने उसे अपनाया और बेहतर इलाज के लिए सैफई रेफर किया गया है। एक कुत्ते ने नवजात की जंगली जानवरों से रक्षा की। बच्चों को देखने के लिए लोगों का दंपति के घर पर तांता लगा हुआ है। वहीं कुत्ते की वफादारी की गांव में चर्चा हो रही है। मामला किशनी थाना क्षेत्र का है। झाड़ी में सुनाई दी नवजात की रोने की आवाज यह घटना हरचंदपुर गांव की है। लगभग नौ दिन पहले 14 वर्षीय प्रिंस गांव के बाहर जा रहा था, तभी उसे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। झाड़ियों में नवजात को देखकर वह घबरा गया और घर जाकर अपनी बुआ मिथिलेश को बताया। मिथिलेश मौके पर पहुंचीं और खून से सने बच्चे को अपने घर ले आईं। डॉक्टर ने नवजात को एनआरसी में रखने की दी सलाह बच्चे की हालत काफी कमजोर थी। आज बुधवार को मिथिलेश अपने पति प्रदीप के साथ उसे सीएचसी किशनी ले गईं। परीक्षण के बाद बच्चे का वजन मात्र डेढ़ किलो पाया गया। डॉ. शरद यादव ने उसे कुपोषित बताया और एनआरसी में रखने की सलाह दी। दंपती की सहमति के बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए सैफई रेफर कर दिया गया।लगभग 50 वर्षीय मिथिलेश शर्मा अपने भतीजे प्रिंस के साथ रहती हैं। उन्होंने बच्चे का नाम गणेश रखा है। मिथिलेश ने कहा कि वह बच्चे का अच्छे से पालन-पोषण करेंगी और उसका हर संभव उपचार कराएंगी। कुत्ता झाड़ी के पास बच्चे की कर रहा था रखवाली उन्होंने इसे ईश्वर का भेजा हुआ बच्चा बताया।इस घटना में एक कुत्ते की वफादारी की भी चर्चा हो रही है। मिथिलेश ने बताया कि जब वह झाड़ियों के पास पहुंचीं, तो एक कुत्ता बालक के पास बैठा था। यह कुत्ता बालक के साथ सीएचसी तक भी आया। माना जा रहा है कि कुत्ते ने ही नवजात को जंगली जानवरों से बचाया।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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