मेरठ में फायरमैन ने NOC के बदले मांगी रिश्वत:यूपीआई से भी ली थी रकम, DIG ने किया निलांबित; FIR दर्ज
मेरठ में अग्निशमन विभाग में तैनात एक फायरमैन रिश्वतखोरी करते रंगे हाथों पकड़ा गया। उसने एनओसी (NOC) देने के बदले एक व्यक्ति से 14 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। मामला डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी तक पहुंचा तो उन्होंने फायरमैन को तुरंत निलंबित कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। यह मामला बुलंदशहर निवासी एक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसने शिकायत दी कि फायरमैन विकास तोमर ने एनओसी देने के बदले उससे 14 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित ने बताया कि आरोपित ने रकम का कुछ हिस्सा यूपीआई ट्रांजैक्शन से भी लिया, जिससे रिश्वत का डिजिटल सबूत भी पुलिस के पास पहुंच गया। डीआईजी ने सौंपी जांच, एसएसपी ने की पुष्टि
शिकायत मिलने के बाद डीआईजी कलानिधि नैथानी ने पूरे मामले की जांच बुलंदशहर एसएसपी दिनेश कुमार को सौंपी। जांच के दौरान सबूतों और ट्रांजेक्शन डिटेल्स की पड़ताल की गई, जिसमें फायरमैन विकास तोमर को दोषी पाया गया। फायरमैन निलंबित, मुकदमा दर्ज
जांच रिपोर्ट सामने आते ही डीआईजी ने फायरमैन विकास तोमर को तुरंत निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से सिकंदराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू की गई है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा-डीआईजी
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि मंडल के अन्य पुलिस और फायर विभाग के कर्मचारी भी यदि इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए गए, तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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