मेडिकल कॉलेज की टंकी में मिले शव की पहचान:महाराष्ट्र के युवक अस्पताल में भर्ती हुआ था, फिर हो गया था गायब

महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया की पानी की टंकी में 6 अक्टूबर को मिला शव आखिरकार पहचान लिया गया है। गुरुवार देर रात पुलिस ने शव की शिनाख्त महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कुलगांव निवासी अशोक गावंडे के रूप में की। शव की पहचान अशोक की पत्नी अनीता गावंडे ने की। उन्होंने बताया कि अशोक पिछले चार साल से परिवार से अलग रह रहा था और मानसिक रूप से परेशान था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वह देवरिया कैसे पहुंचा और मेडिकल कॉलेज की टंकी तक कैसे गया। जांच में सामने आया है कि अशोक 27 सितंबर को 108 एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लाया गया था। उसके एक पैर में गहरा घाव था। इलाज के बाद उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर लिया गया था। इमरजेंसी रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज में भी अशोक को चेकदार लुंगी और नीली शर्ट में देखा गया है। यही कपड़े टंकी के पास मिलने के बाद पुलिस को शक हुआ कि शव उसी मरीज का हो सकता है। इलाज के दौरान गायब हुआ मरीज, 9 दिन बाद टंकी में मिला शव अशोक 25 सितंबर को भी इलाज के लिए इसी अस्पताल आया था, लेकिन 27 सितंबर की सुबह अशोक वार्ड से बाहर निकला था। दोपहर करीब 2 बजे वह फिर अस्पताल के भीतर देखा गया, लेकिन उसके बाद वह गायब हो गया। किसी ने उसकी गुमशुदगी की सूचना न दी और न ही पुलिस को बताया। 6 अक्टूबर को पानी की टंकी से दुर्गंध आने पर सफाईकर्मियों ने जब ढक्कन खोला तो अंदर एक शव तैरता मिला। शव पूरी तरह सड़-गल चुका था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पत्नी बोलीं – मानसिक रूप से बीमार था, मुंबई में चल रहा था इलाज अशोक की पत्नी अनीता ने बताया कि उनके पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनका चार महीने तक मुंबई के एक अस्पताल में इलाज चला था। इलाज के बाद वह घर से निकल गए और फिर परिवार से कोई संपर्क नहीं किया। “हमें नहीं पता कि वह देवरिया कैसे पहुंचे। जब पुलिस से फोन आया कि उनका शव मिला है, तो हम सन्न रह गए,” — अनीता ने कहा। खुदकुशी या हादसा? पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी देवरिया पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में मामला खुदकुशी या किसी हादसे का लग रहा है। मेडिकल कॉलेज परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह वार्ड से निकलने के बाद कहां गया। पुलिस अधिकारी ने बताया, “शव काफी पुराना था, इसलिए मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट होगा।”
मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर उठे सवाल घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। भर्ती मरीज के गायब होने की सूचना न देना गंभीर लापरवाही माना जा रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते खोजबीन की जाती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। पोस्टमॉर्टम और डीएनए रिपोर्ट से खुलेगा राज शव की हालत खराब होने के कारण पुलिस ने डीएनए सैंपल लखनऊ भेजे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि मौत पानी में डूबने से हुई या किसी अन्य वजह से। फिलहाल पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान दर्ज कर लिए हैं और कॉलेज प्रशासन से भी स्पष्टीकरण मांगा है। जिले में चर्चा का विषय बनी घटना देवरिया जैसे शांत जिले में मेडिकल कॉलेज की टंकी में शव मिलने की घटना ने लोगों को हिला दिया है।अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल जैसी सुरक्षित जगह में कोई व्यक्ति टंकी तक कैसे पहुंच गया और किसी को भनक तक क्यों नहीं लगी। डीएम और एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है।

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