मां कुष्मांडा के दरबार में उमड़ा भक्तों का सैलाब:स्वर्ण श्रृंगार ने मन मोहा, भक्तों के लिए 2KM लंबी रेड कारपेट बिछाई
नवरात्रि के आज चौथे दिन देवी कुष्मांडा के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्त भोर से ही माता के दर्शन के लिए लाइन में लग गए। लोगों ने दुर्गा कुंड स्थित प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में विधि विधान से दर्शन-पूजन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मंदिर व पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। भक्तों के लिए 2 किलोमीटर लंबा रेड कार्पेट भी बिछाया गया हैं। देखें तस्वीर… संतानोत्पत्ति का मिलता है आशीर्वाद भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है माता मंदिर के पुजारी सोनू ने बताया कि आज चौथे दिन माता का स्वर्ण श्रृंगार हुआ है। मां कुष्मांडा का रोज अलग-अलग चीजों से श्रृंगार होता है। वहीं उन्होंने बताया कि यहां हर व्यक्ति अपनी पत्नी, मां और बच्चों को लेकर आता है। यहां पर संतानोपत्ति का भी आशीर्वाद मिलता है। माता के दरबार में सुबह से ही भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। भक्त माता के दर्शन के लिए कतार बद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। यहां पर भक्तों को सुलभ दर्शन हो सके इसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है। ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने वाली माँ कूष्मांडा सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदि शक्ति हैं। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अण्ड अर्थात ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था,चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार परिव्याप्त था, तब इन्हीं देवी ने अपने ‘ईषत’ हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इनके पूर्व ब्रह्माण्ड का अस्तित्व नहीं था। मां कूष्माण्डा की पूजाविधि देवी कूष्मांडा की पूजा में कुमकुम, मौली, अक्षत, पान के पत्ते, केसर और शृंगार आदि श्रद्धा पूर्वक चढ़ाएं। सफेद कुम्हड़ा या कुम्हड़ा है तो उसे मातारानी को अर्पित कर दें, फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में घी के दीप या कपूर से मां कूष्मांडा की आरती करें।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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