भगवान को आंगन में विराजमान कर लगा खीर का भोग:अयोध्या में धूमधाम से मनाई गई शरद पूर्णिमा, मध्य रात्रि तक चला गायन-वादन

अयोध्या में शरद पूर्णिमा का पर्व बेहद भव्यता से मनाया गया। शाम को कनक भवन,श्रीरामवल्लभाकुंज,दशरथ महल,रंगमहल,रामलला सदन,सियाराम किला और लक्ष्मण किला के साथ हनुमत निवास आदि सैकड़ों मंदिरों में भगवान के आंगन अर्थात खुले आसमान के नीचे विराजमान कर उनका पूजन किया गया। मध्य रात्रि भगवान को खीर का भोग लगाकर उसका प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया। मान्यता है कि यह प्रसाद अमृत युक्त होता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है।कनक भवन में पुजारी दिनेश कुमार ने भगवान की सेवा कर बड़े भाव से उत्सव मनाया। प्रसिद्ध वैष्णव पीठ श्रीरामवल्लभाकुंज में पीठ के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास की देखरेख में यह उत्सव मनाया गया। पुजारी हरेराम दास ने भगवान का श्रृंगार कर दिव्य वस्त्र और आभूषण धारण कराए।इसके बाद संतों ने भजन गाकर भवान को प्रसन्न किया। प्रसिद्ध गायक मानस महाराज ने शास्त्रीय संगीत से सभी को प्रसन्न कर दिया। इस अवसर पर महंत रामशंकर दास,राजेंद्र शास्त्री,शैलेंद्र शास्त्री और राघवेंद्र शास्त्री आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। रामलला सदन में जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य की देखरेख में यह उत्सव मना। अमेरिका से आई महिला ने यहां भगवान के सामने दीप जलाया और हनुमानगढ़ी में हनुमान जी को सवा किलो चांदी की गदा भेंट किया। यहां जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य की देखरेख में गर्भगृह में विराजमान और उत्सव विग्रह को आंगन में विराजमान कर भव्य आभूषणों से सजा कर गायन-वादन हुआ।

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