बुलंदशहर में पांच साल में 2833 मौतें:सड़क हादसों में नशा और तेज रफ्तार मुख्य कारण
बुलंदशहर में रफ्तार और लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। पिछले पांच वर्षों में हुए सड़क हादसों में अब तक 2833 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात यह हैं कि वर्ष 2025 के शुरुआती आठ महीनों में ही 710 से अधिक हादसे दर्ज हुए, जिनमें 420 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 900 से अधिक लोग घायल हुए। यदि यही रफ्तार रही तो यह आंकड़ा साल खत्म होते-होते पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है। हादसों की रफ्तार हर साल बढ़ी जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। वर्ष 2020 से लेकर 2024 तक हर साल औसतन 700 से 950 हादसे हुए। इनमें 391 से 607 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2023 सबसे भयावह साबित हुआ जब 987 हादसों में 607 लोगों ने जान गंवाई। अब 2025 के केवल आठ महीनों में ही मौत का आंकड़ा 420 पार कर गया है। विशेषज्ञों और पुलिस विभाग के अनुसार हादसों के पीछे मुख्य वजहें तेज रफ्तार, नशे में वाहन चलाना और देर रात ड्राइविंग के दौरान नींद की झपकी हैं। हाईवे पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं सबसे ज्यादा हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्ज किए गए, जहां भारी वाहनों की गति पर नियंत्रण नहीं है। पुलिस की पेट्रोलिंग और चालान की कार्रवाई के बावजूद हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा। यातायात निरीक्षक संजय वर्मा का कहना है, “लगातार हाईवे पर पेट्रोलिंग की जा रही है। नशे में गाड़ी चलाने वालों और बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट वालों पर चालान किया जा रहा है। लेकिन केवल पुलिस कार्रवाई से काम नहीं चलेगा। लोगों को खुद सतर्क और जागरूक होना होगा।”
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