बिजली निगम के 5 अभियंता सस्पेंड:क्वालिटी चेक के रिजेक्टेड केस अप्रूव होने पर हुआ एक्शन; संघ ने कहा कंपनी को बचाने के लिए कार्रवाई हुई
बिजली निगम गोरखपुर जोन 1 में बड़ी कार्रवाई हुई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने 5 अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया है। इनमें 3 एक्सईएन व 2 एसडीओ रैंक के अधिकारी हैं। उनपर अपनी वर्क फोर्स मेनेजमेंट (WFM) आईडी के पासवर्ड को सुरक्षित न रखने, गोपनीय दस्तावेज लीक करने और विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप है। इधर इस कार्यवाही के खिलाफ अभियंता संघ मुखर हो गया है। उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी को वे ही उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लेकर आए और कंपनी को बचाने के लिए उनपर ही कार्रवाई कर दी गई।
यह पूरा मामला पुराने मीटर बदलने से जुड़ा है। दरअसल यह काम जीनस (genus) कंपनी को दिया गया है। जो मीटर बदलना होता है, उसके बारे में पूरी डिटेल कंपनी परीक्षण खंड को भेजती है। वहां से अप्रूवल के बाद बदला जाता है। अंतिम चरण आता है यानी क्वालिटी चेक (QC-3) में मीटर की जांच की जाती है। उसके बाद अंतिम अप्रूवल मिलता है। यदि मीटर की रीडिंग व अन्य पहलुओं को लेकर स्पष्टता नहीं रहती है तो पुराना मीटर मांगा जाता है। मीटर न देने पर QC-3 रिजेक्ट हो जाती है। अब जानिए क्या मामला है दरअसल विश्वकर्मा पूजा यानी 17 सितंबर के दिन ही यह फर्जीवाड़ा देखने को मिला है। अभियंताओं का कहना है कि उस दिन प्रदेश के कई जिलों में रिजेक्टेड QC-3 को अप्रूव कर दिया गया। 17 सितंबर की शाम 6 बजे से 18 सितंबर की सुबह 6 बजे तक गोरखपुर जोन एक में 3037 आवेदन अप्रूव किए गए हैं। इस बात की जानकारी अधिशासी अभियंता ने ही ऊपर के अधिकारियों को दी थी। लेकिन कार्रवाई उन्हीं पर हो गई। इस कार्रवाई पर उठ रहे सवाल; अभियंताओं ने कहा-आईडी हैक हुई सस्पेंशन की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कार्रवाई की जद में आए अधिशासी अभियंता कह रहे हैं कि उनकी आईडी हैक की गई है। इसका पासवर्ड जीनस कंपनी बनाती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन यह हुआ है। रात 3 बजे तक अप्रूवल दिया गया है। कोई अभियंता उस समय काम नहीं करता है। इस बात की जानकारी हमारी ओर से उच्च अधिकारियों को दी गई। कंपनी ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है। बिना जांच कराए ही हमें सस्पेंड कर दिया गया। 18 सितंबर को जीनस कंपनी के अधिकारी को लिखा गया पत्र
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से 18 सितंबर को जीनस कंपनी के अधिकारी को पत्र लिखकर इस मामले से अवगत कराया गया और नाराजगी जताई गई। इस पूरे मामले की जांच के लिए भी कहा गया। अभियंताओं की ओर से यह मामला जानकारी में आने की बात का उल्लेख भी इस पत्र में है। लेकिन उसके दो दिन बाद ही अभियंताओं पर कार्रवाई कर दी गई। मुख्य अभियंता पर जांच न कराने का आरोप कार्रवाई की जद में आए अभियंता विद्युत वितरण निगम जोन एक के मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव पर जांच न कराने का आरोप लगाया गया है। उनका कहना है कि मुख्य अभियंता ने सीधे सस्पेंशन की संस्तुति कर दी। जबकि अन्य किसी जोन में ऐसा नहीं किया गया। वहां जांच कराई जा रही है। अभियंताओं पर यह कार्रवाई कंपनी को बचाने के लिए की गई है। इस मामले में मुख्य अभियंता ने कहा कि उनकी ओर से सस्पेंशन की संस्तुति की गई थी। कार्रवाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। संगठन का आरोप; मुख्य अभियंता ने कहा-अन्याय होता रहेगा
इस मामले में राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ मुख्य अभियंता से मिलने पहुंचा था। सहायक सचिव पुष्पेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्य अभियंता ने बातें ठीक से नहीं सुनीं। उन्होंने कहा कि अन्याय हुआ है और अन्याय होता रहेगा। अभियंता इस मामले में आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। उच्च स्तर पर होनी चाहिए जांच
राज्य विद्युत परिषद के सहायक सचिव पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। यह बड़ा खेल है। रीडिंग स्टोर को उपभोक्ता से सांठगांठ कर न्यूनतम करने का खेल कंपनी के लोग कर रहे हैं। इसीलिए मीटर प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। जिससे QC-3 के केस रिजेक्ट कर दिए गए थे। अभियंताओं की आईडी हैक कर कंपनी ने एक ही दिन में इतने बड़े पैमाने पर यह काम किया है। इनपर हुई कार्रवाई
विद्युत नगरीय परीक्षण खंड के अधिशासी अभियंता ई. शिवेंद्र सिंह, विद्युत परीक्षण उपखंड तृतीय बक्शीपुर के सहायक अभियंता मीटर ई. योगेंद्र कुमार यादव, अधिशासी अभियंता परीक्षण खंड द्वितीय अविनाश अग्रहरि, अधिशासी अभियंता परीक्षण चौरी चौरा परवेज आलम, सहायक अभियंता मीटर परीक्षण कौड़ीराम अच्छेलाल पटेल को सस्पेंड किया गया है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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