बिजनौर में 11 साल पुराने मामले में सजा:बारात में मारपीट से मौत: 4 दोषियों को 10 साल की कठोर कैद, जुर्माना भी
बिजनौर की एक अदालत ने 11 साल पुराने गैर इरादतन हत्या के मामले में चार दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला नजीबाबाद में बारात चढ़त के दौरान हुई मारपीट से भूपेंद्र सिंह राजपूत की मौत से संबंधित है। अदालत ने दोषियों पर 32 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त सेशन/एफटीसी द्वितीय की न्यायाधीश अलका चौधरी ने रेलवे कॉलोनी नजीबाबाद निवासी सुशील, अमित, गोविंदा उर्फ कालू और सचिन उर्फ पिन्टू को यह सजा सुनाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) प्रमोद शर्मा ने बताया कि नजीबाबाद के मोहल्ला आदर्श नगर निवासी हरेंद्र सिंह पुत्र चंद्रपाल ने 10 फरवरी 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि उनका भाई भूपेंद्र सिंह राजपूत रात करीब 10:30 बजे अपनी इनोवा गाड़ी से घर लौट रहे थे। घर के पास बारात की चढ़त हो रही थी, जिसके कारण भीड़भाड़ थी। भीड़ के चलते भूपेंद्र सिंह गाड़ी से नीचे उतर आए। बारात में शामिल कुछ अज्ञात लड़कों ने उन्हें घेर लिया और नीचे गिराकर लात-घूसों व बेल्ट से बेरहमी से पीटा। आरोपियों ने भूपेंद्र सिंह का सिर दीवार में दे मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। हरेंद्र सिंह और उनके बेटे जब भूपेंद्र को बचाने आए तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की। नजीबाबाद अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद घायल भूपेंद्र को मेरठ रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए बारात की वीडियोग्राफी की मदद से घटना में शामिल रेलवे कॉलोनी के सुशील, अमित, गोविंद उर्फ कालू, सचिन उर्फ पिंटू और एक नाबालिग अक्षय बिश्नोई के नाम उजागर किए। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मामले से जुड़े दस गवाहों को पेश किया। नाबालिग अक्षय बिश्नोई का मामला किशोर बोर्ड को भेज दिया गया था। अदालत ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अपना फैसला सुनाया।
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