बांदा DIOS ने महिला टीचर से कहा-पैसे वापस ले लो…:मंत्री से शिकायत क्यों की? ट्रांसफर के 1 लाख मांगने पर खुद AUDIO-VIDEO बनाया

बांदा में DIOS पर महिला टीचर से ट्रांसफर कराने के लिए 1.10 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। मामला सीएम ऑफिस तक पहुंच चुका है। टीचर के पास डील का वीडियो और धमकाने का ऑडियो भी है। महिला टीचर के मुताबिक, पैसे देने के बाद DIOS ने ट्रांसफर लेटर तो दे दिया, लेकिन रिलीविंग लेटर देने में आनाकानी करने लगे। इससे परेशान होकर टीचर ने विभाग के जॉइंट डायरेक्टर और जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद से शिकायत कर दी। इस पर DIOS भड़क गए। उन्होंने टीचर को वॉट्सऐप कॉल पर धमकी दी। कहा- मंत्री से शिकायत क्यों की, पैसे वापस ले लो। अभी हम ही अपर निदेशक राजकीय बनेंगे। समझ में आया? आप प्रदेश और नौकरी छोड़कर नहीं जाएंगी। बिहेवियर अपना सही रखना चाहिए। टीचर और DIOS के बीच की बातचीत की दो रिकॉर्डिंग सामने आई हैं। इनमें एक में DIOS और टीचर के पति से बातचीत है, जबकि दूसरी रिकॉर्डिंग में DIOS टीचर को धमकी देते सुनाई पड़ रहे हैं। पूरा मामला बांदा के राजकीय हाई स्कूल जखनी का है।
टीचर ने मिर्जापुर के लिए मांगा था ट्रांसफर
आरती मिर्जापुर के भागीरथ खुर्द थाना चुनार की रहने वाली हैं। उनकी 2021 में जॉइनिंग बांदा के राजकीय हाई स्कूल जखनी में हिंदी के सहायक अध्यापक के तौर पर हुई। वे 3 साल से यहीं पर तैनात हैं। 1 जून 2025 को उन्होंने मानव संपदा पोर्टल पर मिर्जापुर के लिए ट्रांसफर अप्लाई किया। अप्लाई करने के अगले ही दिन आरती को DIOS दिनेश कुमार ने वॉट्सऐप कॉल कर सर्किट हाउस स्थित अपने आवास पर बुलाया। बस यहीं से वसूली का खेल शुरू हुआ। एप्लिकेशन फॉरवर्ड करने के लिए मांगी डेढ़ लाख घूस
3 जून को टीचर अपने पति के साथ DIOS से मिलने पहुंचीं। इस दौरान DIOS ने ट्रांसफर एप्लिकेशन को आगे फॉरवर्ड करने के लिए डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बातचीत में मामला 1.20 लाख में फाइनल हुआ। 4 जून की सुबह DIOS ने अपने आवास पर बुलाकर 40,000 नगद लिए। इसके दो दिन बाद यानी 6 जून को दोबारा टीचर को बुलाकर 40,000 रुपए की दूसरी किस्त भी ले ली। दूसरी किस्त देने के दौरान महिला ने पति के साथ मिलकर हिडन कैमरे से DIOS का पैसे के लेन-देन का वीडियो बना लिया। इसमें टीचर और उसका पति DIOS से काम होने के बाद बाकी रकम देने की बात कहते सुनाई पड़ रहे हैं। आगे की कहानी टीचर की जुबानी टीचर आरती ने बताया- 14 जून को मानव संपदा पोर्टल पर ट्रांसफर हुए टीचरों की लिस्ट जारी हुई। इसमें मेरा नाम था, लेकिन स्कूल के नाम में गड़बड़ी थी। स्कूल का नाम राजकीय हाईस्कूल शाहपुर मिर्जापुर की बजाय राजकीय हाई स्कूल इंडिविजुअल शाहपुर मिर्जापुर लिखा था। इसकी शिकायत मैंने DIOS और शासन स्तर तक की। इसके बाद 21 जुलाई के संशोधन में ट्रांसफर ऑर्डर में स्कूल का नाम सही हो गया। लेटर DIOS के पास आ गया। टीचर के मुताबिक, ट्रांसफर लेटर मिलने के बाद जब मैंने DIOS से कार्यमुक्ति पत्र (रिलीविंग लेटर) मांगा तो उन्होंने फिर से सर्किट हाउस आवास पर बुलाकर पैसे मांगे। 22 अगस्त को मैंने पति के साथ जाकर 30,000 नगद DIOS को दिए। लेकिन एक हफ्ते तक मुझे कार्यमुक्त नहीं किया गया। इसके बाद जब मैंने दोबारा जानकारी ली तो DIOS ने प्रिंसिपल से मिलने को कहा। झूठी आख्या लगाकर रद्द कर दिया ट्रांसफर ऑर्डर टीचर के मुताबिक, जब मैंने जखनी के प्रिंसिपल से रिलीविंग लेटर मांगा तो उन्होंने 50 हजार रुपए की डिमांड की। इतने रुपए देने के बाद भी जब और पैसे मांगे जाने लगे तो मैंने DIOS से शिकायत की। मगर उन्होंने प्रिंसिपल पर ही जिम्मेदारी डाल दी और कोई कार्रवाई नहीं की। जब मैंने कई बार DIOS से रिक्वेस्ट की तो उन्होंने 12 सितंबर 2025 को फर्जी आख्या लगाकर पत्र भेजकर ट्रांसफर ऑर्डर को ही रद्द कर दिया। महानिदेशक ने आरोपी को ही दे दी जांच
इन सबसे परेशान होकर मैंने महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा परिषद समेत सभी अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया। इस पर महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा परिषद ने मामले की जांच आरोपी DIOS को ही सौंप दी। इससे परेशान होकर मैंने जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद से शिकायत की। इसके बाद मंत्री ने DIOS को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन हमें कोई राहत नहीं मिली। मेरे पति ने DIOS को कॉल किया तो उल्टा उन्होंने पैसे वापस लेने की बात कह डाली। पढ़िए DIOS और शिक्षक के पति की बीच हुई बातचीत… टीचर से कहा- नौकरी तो यूपी में ही करोगी
टीचर आरती ने बताया- हमने पैसे वापस मिलने का इंतजार किया, लेकिन न पैसे मिले और न ही रिलीविंग लेटर। 10 दिन इंतजार के बाद जब मैंने दोबारा DIOS को कॉल की तो वे मुझे धमकाने लगे। सीएम को लेटर लिखकर मांगा न्याय
टीचर का कहना है कि जिस DIOS ने ट्रांसफर के नाम पर पैसे लिए, वही अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कैसे करेगा। इसे लेकर मैंने सीएम योगी को प्रार्थना पत्र भेजकर दोषियों पर कार्रवाई और न्याय की मांग की है। —————————– भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- आपकी पूजा में केमिकल वाला नकली चंदन:यूपी में खिन्नी की लकड़ी पर परफ्यूम; ऐसे 100 कारखाने, कैमरे में देखिए ठगी ये लकड़ी होती है… खिन्नी की, इसमें कोई महक नहीं होती। इसमें कंपाउंड (केमिकल मिक्सचर) मिलाया जाता है चंदन का… फिर यह महकती है चंदन जैसी। जब जलइयो चंदन-सी खुशबू होगी। अगर इसमें असली चंदन की लकड़ियां मिला दें, तो पहचानना मुश्किल हो जाता है। हम ही लोग पहचान पाते हैं। ये हैं यूपी के चंदन के बड़े कारोबारी, लेकिन ये चंदन होता नकली है। ये खिन्नी की लकड़ी पर चंदन की खुशबू वाले परफ्यूम का स्प्रे करके ऐसा नकली चंदन बनाते हैं कि आम लोग पकड़ ही नहीं पाते। पढ़ें पूरी खबर

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