बलरामपुर में आरएसएस शताब्दी वर्ष पर पथ संचलन:राष्ट्र निर्माण का संदेश, क्षेत्र प्रचार प्रमुख ने हिंदुत्व को बताया आधार
बलरामपुर में आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में बुधवार को तुलसीपुर में एक भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह संचलन बुद्धा मैरिज लॉन से शुरू होकर पुरानी बाजार, जरवा रोड, लाल चौराहा होते हुए वापस बुद्धा मैरिज लॉन पर समाप्त हुआ। इस दौरान पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों का अनुशासित कदमताल देखने को मिला। मार्ग के दोनों ओर खड़े नागरिकों ने स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया और उत्साहवर्धन किया। इस आयोजन को संघ के विचार, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण के संकल्प की सशक्त प्रस्तुति के रूप में देखा गया। पथ संचलन के समापन अवसर पर क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक शोभायात्रा नहीं, बल्कि संघ के विचारों, आचार और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। सुभाष ने बताया कि आरएसएस का मुख्य उद्देश्य ‘हिंदु राष्ट्र की पुनर्प्रतिष्ठा’ है, जो संघ के विस्तार का मूल कारण है। अपने संबोधन में सुभाष ने हिंदुत्व के आधार ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ को स्पष्ट किया, जिसका अर्थ है सभी को एक परिवार मानना। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कथन का उल्लेख किया कि ‘हिंदुत्व’ को दुनिया का सबसे आदरणीय नाम बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए, और संघ इसी दिशा में कार्यरत है। सुभाष ने यह भी बताया कि संघ में किसी प्रकार का अगड़ा-पिछड़ा भेद नहीं होता, बल्कि प्रत्येक स्वयंसेवक का आचार-व्यवहार ही उसकी पहचान होता है। इस अवसर पर विभाग प्रचारक प्रवीण, जिला प्रचारक जितेंद्र, शैलेन्द्र, डॉ. विकल्प, अभिमन्यु, अशोक, मीना किन्नर सहित सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्थानीय विधायक कैलाश नाथ शुक्ला और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की।
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