बरेली में डकैत शैतान ढेर, एक लाख का इनामी था:एनकाउंटर में हेड कॉन्स्टेबल को लगी गोली, 2012 में कस्टडी से भागा था
बरेली में एक लाख का इनामी डकैत शैतान एनकाउंटर में मारा गया। मुठभेड़ में SOG के हेड कॉन्स्टेबल राहुल को भी गोली लगी है। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार सुबह पुलिस ने बिलवा पुल के पास डकैत शैतान को घेरा, तो उसने टीम पर फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इसमें उसे गोली लगी। गोली लगते ही वह गिर गया। पुलिस उसे जिला अस्पताल ले आई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसका एक साथी फरार हो गया है। डकैत शैतान पर सात जिलों में हत्या और डकैती जैसी गंभीर धाराओं में 19 मुकदमे दर्ज थे। 2012 में पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था, आठ साल बाद गिरफ्तार किया गया 2006 में थाना फरीदपुर के पचौमी मंदिर के पुजारी की हत्या और डकैती में भी उसका नाम सामने आया था। साल 2012 में वह बाराबंकी से पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था। आठ साल बाद गिरफ्तार किया गया। हथियार, मोबाइल और बिना नंबर की बाइक बरामद एनकाउंटर को बरेली SSP अनुराग आर्य ने लीड किया। साथ ही SOG टीम और तीन थानों की फोर्स भी शामिल थी। पुलिस ने बदमाश के पास से 32 बोर की पिस्टल, दो मैगजीन, 17 जिंदा कारतूस, 28 हजार रुपए, मोबाइल और बिना नंबर की बाइक बरामद की। नाम बदल-बदलकर पुलिस को गुमराह करता था डकैत नाम बदल-बदलकर पुलिस को गुमराह करता था। इफ्तेखार, धूम, सोल्जर, लोधा, शैतान, शाकिर, रोहित जैसे नामों से डकैत ने कई बार पुलिस की आंखों में धूल झोंकी। डकैत शैतान पुत्र सादिक, कासगंज के कादरगंज स्थित बरी चौक का रहने वाला था। हाल ही में वह अपने पिता से अलग हुआ था और परिवार के साथ गाजियाबाद के टीला मोड़ के भूपखेड़ी गांव में रह रहा था। यूपी में 12 दिन में 5 अपराधी एनकाउंटर में ढेर राज्य सरकार के अनुसार, मार्च 2017 से जुलाई 2025 तक यूपी पुलिस ने 238 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है। इस दौरान 14,000 से अधिक पुलिस एनकाउंटर हुए, जिनमें 30,000 से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार हुए और 9,000 से अधिक को गोली मारी गई। ————————————- ये भी पढ़ें इकलौते बेटे की लाश लेकर दौड़ता रहा पिता:प्रयागराज में स्कूल का गेट गिरने से मौत, गांववाले बोले- बच्चों को पढ़ने नहीं भेजेंगे समय: सुबह 6:30 बजे, 8 अक्टूबर। जगह: प्रयागराज का धमोह गांव। यहां प्राइमरी स्कूल का मेन गेट भरभराकर गिर गया। 250 किलो भारी लोहे के दरवाजे के नीचे 7 साल का इशू पाल दब गया। पिता पहुंचे तो उसकी सांसें चल रही थीं। उसे देखकर वे चीखने लगे। 4-5 और लोग दौड़ आए। इसके बाद दरवाजे को उठाकर इशू को बाहर निकाला गया। पिता बेटे को गोद में लेकर दौड़ते हुए CHC पहुंचे। मगर तब तक इशू की सांसें थम चुकी थीं। पूरी खबर पढ़िए
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