फर्रुखाबाद में सेना में जाना चाहता था आकाश:दौड़ परीक्षा पास की थी, कोचिंग सेंटर में ब्लास्ट होने पर गई जान
फर्रुखाबाद में कादरीगेट थाना क्षेत्र के एक कोचिंग सेंटर में शनिवार शाम सेप्टिक टैंक में हुए ब्लास्ट में दो युवकों की मौत हो गई। मृतकों में से एक आकाश सक्सेना थे, जिनके पिता राजेश सक्सेना पुलिस में कार्यरत हैं। आकाश का सपना सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना था। उसने हाल ही में आर्मी की दौड़ परीक्षा भी पास की थी और खुशी में अपने दोस्तों को मिठाई खिलाई थी। दोनों मृतकों के शवों का रात में ही पोस्टमॉर्टम कराया गया। परिवार ने बताया कि आकाश के पिता हृदय रोग से पीड़ित होने के कारण अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। शहर के पांचाल घाट पर आयोजित अंतिम संस्कार में आकाश के चाचा सचिन सक्सेना ने मुखाग्नि दी। परिजनों और पड़ोसियों में गहरा शोक देखा गया। आकाश का मिलनसार और हंसमुख स्वभाव था। लंबाई लगभग 6 फीट होने के कारण उसे ‘लंबू’ के नाम से बुलाया जाता था। उसके दोस्तों और गांव के लोगों ने बताया कि वह पढ़ाई में होशियार और होनहार था। वह हमेशा अन्य बच्चों को तैयारी के लिए प्रोत्साहित करता रहता था। गांव में पसरा सन्नाटा शहर से सटे नीनोआ गांव में आकाश कश्यप की मौत से सन्नाटा छा गया। वह तीन बहनों के बीच अकेला भाई था और बीएससी के साथ आईटीआई भी कर चुका था। पिता नगर पालिका में सफाई कर्मचारी हैं। करीब दो वर्ष पूर्व उसकी शादी हुई थी। परिवार के अनुसार, आकाश दोपहर 12 बजे लाइब्रेरी पढ़ाई करने जाता और शाम को 4 बजे लौटता था। आकाश की मां, बहनें और पत्नी निरंतर रोते रहे, जबकि कुछ महिलाएं उन्हें सांत्वना देती रहीं। जब सुबह आकाश की अर्थी उठी, तो हर आंख नम हो गई। गांव की गलियों में शोक की गूंज थी। लोग उसकी सरल स्वभाव और हंसमुख चेहरे को याद कर रहे थे। आकाश का सपना केवल सेना में जाकर देश सेवा करना था, और इस दुखद हादसे ने पूरे परिवार और गांव को गहरे शोक में डुबो दिया है।
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