फर्जी IPS बनकर 10 लाख रुपए ठगे, अरेस्ट:अलीगढ़ में डॉक्टर के पिता से ऐंठे रुपए, 10 साल पहले खुद मेडिकल की फर्जी डिग्रियां बेचता था
अलीगढ़ में फर्जी आईपीएस बनकर ऑर्थो क्लिनिक में छापा मारा। आरोपी ने डॉक्टर के पिता को धमकाकर उनसे 10 लाख रुपए वसूले। क्लिनिक का दरवाजा बंद कर मारपीट भी की थी। पुलिस ने अब आरोपी को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद पीड़ितों ने देहलीगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद से पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले थे, जिसमें आरोपी नजर आ गया था। इसके बाद से ही पुलिस की टीमें लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी। जिसके अब गिरफ्तार कर लिया गया है। CID अफसर बनकर पहुंचा था आरोपी जलालपुर के प्रिंस रोड रहने वाले योगेंद्र प्रसाद FCI के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनका बेटे डॉ. सचिन का जलालपुर रोड पर सचदेव क्लिनिक है। उन्होंने पुलिस को बताया था कि 6 सितंबर को उनका बेटा दिल्ली गया था और वह क्लिनिक पर बैठे हुए थे। तभी आरोपी सूट-बूट पहनकर उनके पास पहुंचा। आरोपी ने खुद को CID से IPS अधिकारी बताया। आरोपी ने धमकाते हुए क्लिनिक का गेट बंद करा दिया और कहा कि तेरा बेटा खूब रुपए छाप रहा है। फिर आरोपी ने मुकदमा दर्ज कराने और जेल भेजने की धमकी देते हुए 10 लाख रुपए और महिलाओं के गहने ले लिए। आरोपी धमकाते हुए वहां से निकल गया था। इसके बाद से ही पुलिस की 3 टीमें उसकी तलाश कर रही थी। उड़ीसा का है आरोपी, बोला मंदिर में दान दिया पुलिस ने फर्जी आईपीएस बनकर ठगी करने वाले स्मिथ सेठी पुत्र अभिराम सेठी को गिरफ्तार किया है। आरोपी मूल रूप से उड़ीसा के जिला खुर्दा के नयापल्ली का रहने वाला है। आरोपी सालों से ठगी का काम कर रहा है और आरोपी के खिलाफ उड़ीसा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ में मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी के पास से पुलिस ने 2.10 लाख रुपए बरामद किए हैं। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने डॉक्टर के पिता से 10 लाख नहीं बल्कि साढ़े पांच लाख ही लिए थे। इसमें कोई जेवर नहीं लिया था। आरोपी ने बताया कि उसने बाकी के रुपए एस्कॉन मंदिर, बांके बिहारी, खाटू श्यामजी, केला देवी राजस्थान, द्वारिकाधीश मथुरा जैसे विभिन्न मंदिरों में दान कर दिए हैं। खुद लोगों को देता था फर्जी डिग्री एएसपी अमृत जैन ने बताया कि आरोपी पेशेवर अपराधी है। वह 2018 तक बंगाल में एक मेडिकल इंस्टीट्यूट चलाता था और फर्जी डॉक्टरों को डिग्रियां बेंचा करता था। उसने देश भर में विभिन्न राज्यों में फर्जी डिग्रियां बेचकर लोगों को डॉक्टर बना दिया और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया। 2018 में बंगाल पुलिस ने आरोपी का इंस्टीट्यूट बंद करा दिया था। फर्जी डॉक्टरों पर बनाता था शिकंजा आरोपी पहले खुद फर्जी डिग्रियों का काम करता था। इसलिए उसे देश भर में ऐसे डॉक्टरों की जानकारी थी, जो फर्जी तरीके से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे थे। वह सीधे उन्हीं के पास पहुंचता था और धमकाकर वसूली करता था। 20-25 हजार रुपए आसानी से उसे मिल जाते थे। वहीं फर्जी डॉक्टर कभी पुलिस से शिकायत भी नहीं करते थे। आरोपी किसी को सीआईडी अफसर बताता था, तो किसी को आईबी अधिकारी। अलीगढ़ में आरोपी ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताया था। चिट फंड घोटाले से भी जुड़े हैं तार पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी का नेटवर्क देश भर में फैला हुआ है। उसके नेटवर्क के कई लोग फर्जी डिग्री और इस तरह के जालसाजी भरे काम कर रहे हैं। वहीं 2013 में पश्चिम बंगाल में जुड़े शारदा चिट फंड घोटाले से भी आरोपी के तार जुड़े हैं। यह घोटाला देश का काफी चर्चित मामला था। इसमें 200 से अधिक कंपनियों का एक समूह बनाया गया था, जो लोगों से निवेश के नाम पर रुपए लेता था। इसके बाद देश के 10 लाख लोगों से लगभग 20 हजार करोड़ रुपए लेकर आरोपी फरार हो गए थे। इससे भी आरोपी के तार जुड़े हुए हैं। पुलिस अभी आरोपी से पूछताछ कर रही है। तीन टीमें लगी थी आरोपी के पीछे एएसपी मयंक पाठक ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार तीन टीमें काम कर रही थी। थाने के साथ सर्विलांस और क्रिमिनल इंटेलीजेंस विंग की टीम ने आरोपी को बारह बीघा मैदान तालाब के पास से गिरफ्तार किया है। इस पूरे ऑपरेशन में 12 पुलिस कर्मी काम कर रहे थे, जिन्होंनेग आरोपी को गिरफ्तार किया है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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