फतेहपुर मकबरा-मंदिर विवाद पर अगली सुनवाई 24 को:11 अगस्त को मकबरे में आरती, मजार पर हुई थी तोड़फोड़, दूसरे पक्ष से पथराव

फतेहपुर में चल रहे मकबरा-मस्जिद विवाद को लेकर आज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होनी थी। हिन्दू पक्ष से विजय प्रताप सिंह के अधिवक्ता राम शरण सिंह और मुस्लिम पक्ष से अनिल कुमार श्रीवास्तव और फिरोज खान बहस करने के लिए कोर्ट पहुंचे। पर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता राम शरण सिंह के नहीं आने से सुनवाई टल गई। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 24 सितंबर की तारीख मिली है। इससे पहले भी इस मामले में 10 सितंबर और 17 सितंबर को सुनवाई टल चुकी है। फिलहाल धार्मिक विवाद को देखते हुए पुलिस ने कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम दिखे। 13 साल से चल रहे इस विवाद में 11 अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष के आह्वान पर हिंदू संगठन के करीब 2 हजार कार्यकर्ता मकबरे में घुस गए थे। मजार पर आरती की और मजार में तोड़फोड़ की गई थी। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से पथराव किया गया था। इस मामल में पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 75 पन्नों की रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजी गई थी। 10 सितंबर को कोर्ट ने इस स्थल पर मुतवल्ली नियुक्त किया था। इसके बाद 17 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की गई थी। अब पढ़ें 11 अगस्त को क्या हुआ था…
फतेहपुर के अबूनगर में 11 अगस्त की सुबह बजरंग दल, हिंदू महासभा समेत कई हिंदू संगठनों के 2 हजार लोग ईदगाह में बने मकबरे पर पहुंच गए। कुछ युवकों ने मकबरे की छत पर चढ़कर भगवा झंडा लगा दिया। हिंदू महासभा के नेता मनोज त्रिवेदी भीड़ के साथ मकबरे के अंदर पहुंचे और पूजा करने लगे। मकबरे पर भगवा झंडा और पूजा-पाठ देख मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। इसके बाद करीब डेढ़ हजार मुस्लिम ईदगाह पहुंच गए। दोनों तरफ से पथराव होने लगा। इस पर पुलिस ने लाठियां चलाकर भीड़ को खदेड़ना शुरू किया। बवाल इतना बढ़ा कि 10 थानों की फोर्स बुलाई गई। इसके बाद हिंदू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मकबरे से 500 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर जाम लगा दिया। सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। इसके बाद मामले में 10 नामजद समेत 150 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। मकबरे के पास एक किमी का इलाका सीज कर दिया गया। 11 अगस्त को हुए बवाल की 2 तस्वीरें… 5 दिन से तैयारी कर रहा था हिंदू संगठन
बीते 7 अगस्त को हिंदू संगठन मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति की तरफ से डीएम को ज्ञापन दिया था। इसमें मकबरे को सिद्धपीठ ठाकुरजी विराजमान मंदिर बताकर 11 अगस्त को साफ-सफाई करने और पूजा पाठ शुरू करने की इजाजत मांगी गई थी। ज्ञापन में लिखा था- नई बस्ती रेडाइया स्थित सिद्धपीठ ठाकुरजी विराजमान मंदिर हमारे सनातन धर्मावलंबियों का प्रमुख स्थान है। अति प्राचीन होने के कारण उसके सुंदरीकरण की आवश्यकता है। क्योंकि उस मंदिर से सैकड़ों सनातनियों की आस्था जुड़ी है। इसमें समय-समय पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रमुख त्योहारों जैसे दीपावली, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में दीप जलाने और पूजा-अर्चना करने जाते हैं। लेकिन, वहां अराजकतत्वों ने मंदिर मार्ग अवरुद्ध कर दिया है। इससे माता-बहनों को पूजा करने में डर लगता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा-अर्चना के लिए मंदिर परिसर में सफाई, नवीनीकरण, सुंदरीकरण कराना जरूरी है। इस काम को समिति 11 अगस्त को शुरू करेगी। भाजपा जिलाध्यक्ष की अपील पर जुटी हजारों की भीड़
इसके बाद 10 अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने हिंदू संगठनों और सनातनियों से जुटने की अपील की। कहा, फतेहपुर के सनातनियों 11 अगस्त को 9 बजे कर्पूरी ठाकुर डाक बंगले पर एकत्र होना है। वहां से रेडइया जाकर ठाकुरजी के मंदिर में पूजा करनी है। वहां सारे प्रमाण हैं, वहां सब कुछ दिखाई दे रहा है। प्रशासन भी वहां जांच करा चुका है। हम सनातन की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। सभी लोग जरूर वहां पहुंचें। हम लोग पूजा-पाठ और आरती जरूर करेंगे। इसके बाद डीएम और एसपी ने रात 11 बजे मकबरे पर जाकर हालात का जायजा लिया। सुबह पुलिस भी तैनात हो गई, लेकिन हिंदू संगठनों की भीड़ के आगे पुलिस भी बेबस खड़ी रही। दावा- 13 साल पहले कागजों में हेर-फेर कर जमीन मकबरे के नाम कराई
बजरंग दल के जिला संयोजक धर्मेंद्र सिंह कहते हैं- यह करीब 20 एकड़ जमीन जमीन हिंदुओं की है। मुगलकाल में शासकों ने कहीं पर भी अपने निशान लगा दिए। उसे अपना कहने लगे। लेकिन, हम ऐसा होने नहीं देंगे। 11 दिसंबर, 2012 तक ये जमीन मकबरे के नाम पर नहीं थी। उस समय सपा की सरकार थी। मामले ने ज्यादा तूल नहीं पकड़ा। मुस्लिम पक्ष ने कागजों में हेर-फेर कर जमीन को राजस्व अभिलेखों में अपने नाम दर्ज करवाया। उसके प्रमाण हमारे पास हैं। बहुत इंतजार किया है, लेकिन अब हम लोग अपनी जमीन लेकर रहेंगे। हम कानून को हाथ में नहीं लेंगे। लेकिन, जो भी इसके आड़े आएगा तो हम झुकेंगे नहीं। ये मकबरा नहीं ठाकुरजी का मंदिर है, करोड़ों हिंदू इसे लेकर रहेंगे। मुतवल्ली बोले- मकबरा 500 साल पुराना, मैं 20 साल से देख-रेख कर रहा
मकबरे के केयरटेकर मुतवल्ली मो. नफीश ने बताया- ये मकबरा 500 साल पहले अकबर के पोते ने बनवाया था। 753 नंबर खतौनी में ये जमीन दर्ज है। इसका क्षेत्रफल 76,901.4 वर्गफीट है। ये मेरे नाम पर ही दर्ज है। अबू मोहम्मद, अब्दुल समद का ये मकबरा है। हमसे पहले 30 साल तक अनीस भाई इसकी देखभाल करते थे। जिसकी हुकूमत, वो कुछ भी कर सकता है
मैं भी उनके साथ रहता था। 5 साल पहले उनका इंतकाल हो गया था। उन्होंने कहा था कि मेरे बाद तुम ही इसे देखना। इसलिए मैं देख रहा हूं। ये लोग गलत कर रहे हैं। बाकी सरकार जाने। जिसके हाथ में हुकूमत है, वो कुछ भी कर सकता है। ये मकबरा ईदगाह परिसर में ही आता है। कई साल से वहां हर साल ईद-बकरीद पर नमाज पढ़ी जाती है। यहां पर सिर्फ मजार है। लोग यहां आकर जियारत करते हैं, मन्नत मांगते हैं। उलेमा काउंसिल ने भी जताया विरोध
वहीं, डीएम को उलेमा काउंसिल ने लेटर लिखकर हंगामे और तोड़फोड़ का विरोध जताया है। उनका कहना है कि ऐसे संगठन माहौल खराब करने के लिए ऐतिहासिक स्थल पर तोड़फोड़ कर रहे हैं। वहां मंदिर होने का दावा कर खुदाई करार उसे बर्बाद करना चाहते हैं। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। राष्ट्रीय धरोहर को बचाया जाए। ———————- ये खबर भी पढ़ें गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या, CCTV में दिखे तस्कर:17 घंटे बवाल-आगजनी, पूरी पुलिस चौकी सस्पेंड, STF चीफ पहुंचे मैं सिर्फ मेडिकल स्टोर चलाता हूं, फिर भी मुझे लोग ‘डॉक्टर’ कहकर बुलाते हैं। मैं इस झूठ काे स्वीकार नहीं कर पाता था, इसलिए दीपक को डॉक्टर बनाने की जिद ठान ली थी। मगर पशु तस्करों ने मेरे बेटे को ही मार डाला। यह कहते हुए दीपक के पिता दुर्गेश गुप्ता जमीन पर बैठकर रोने लगते हैं। परिवार के लोग उन्हें संभालते हैं। वह थोड़ा संभलकर कहते हैं- दीपक बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता था। मगर NEET की तैयारी के लिए अपनी प्रैक्टिस भी छोड़ देता था। मैं दीपक के डॉक्टर बनने का इंतजार कर रहा था, मगर अब जिंदगीभर जवान बेटे की मौत का दर्द लेकर जीना है। पढ़ें पूरी खबर…

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर