प्रारंभिक परीक्षा के बाद प्रोविजनल उत्तर कुंजी प्रकाशित करेगा UPSC:सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर, उत्तर कुंजी-पारदर्शिता पर आयोग का बड़ा फैसला
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी और परिणाम घोषणा से जुड़ी पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आयोग ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे के माध्यम से दी। जो रिट याचिका (W.P.(C) No. 118/2024), जिसका शीर्षक ‘हिमांशु कुमार बनाम भारत संघ और अन्य’ है। जिसके जवाब में दायर किया गया है। यह हलफनामा UPSC के संयुक्त सचिव (परीक्षा) हिमांशु कुमार द्वारा दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि लंबित याचिका पर विचार करते हुए और न्यायालय द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) के सुझावों सहित विभिन्न कारकों पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद आयोग ने सोच-समझकर निर्णय लिया है। यूपीएससी द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम प्रारंभिक परीक्षा संपन्न होने के बाद अनंतिम (Provisional) उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाएगी। उम्मीदवारों से प्रश्नपत्रों और अनंतिम उत्तर कुंजी के संबंध में अभ्यावेदन/आपत्तियां मांगी जाएंगी। हर आपत्ति को तीन आधिकारिक स्रोतों (Three authoritative sources) से समर्थित होना चाहिए। जो आपत्तियां समर्थित नहीं होंगी उन्हें शुरुआत में ही खारिज कर दिया जाएगा। हालाँकि, आयोग यह तय करेगा कि प्रस्तुत किए गए स्रोत आधिकारिक हैं या नहीं। उम्मीदवारों से प्राप्त अनंतिम उत्तर कुंजी और आपत्तियों/अभ्यावेदनों को संबंधित विषय/विषयों के विशेषज्ञों की टीम के सामने रखा जाएगा। यह टीम सभी पहलुओं पर गहन विचार करेगी और अंतिम उत्तर कुंजी को अंतिम रूप देगी। विशेषज्ञों की टीम द्वारा अंतिम रूप दी गई उत्तर कुंजी ही प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की घोषणा का आधार बनेगी। अंतिम परिणाम (Final Results) घोषित होने के बाद अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने कहा है कि वह इस निर्णय के माध्यम से निर्धारित कार्यप्रणाली का पालन जल्द से जल्द शुरू करना चाहता है। UPSC का मानना है कि यह निर्णय याचिका में उठाए गए शिकायतों का एक प्रभावी और पर्याप्त निवारण है। जिससे यूपीएससी के कामकाज में पारदर्शिता (transparency) और बढ़ेगी।
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