पूर्व महामंडलेश्वर बिल्डर बाबा सचिन दत्ता नोएडा से गिरफ्तार:नौ साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में EOW ने की कार्रवाई

आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन EOW मेरठ सेक्टर की टीम ने करीब नौ साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में पूर्व महामंडलेश्वर सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक ही फ्लैट पर कई बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लेकर ठगी करने का आरोप है। बैंक की मिलीभगत से करता था धोखाधड़ी सचिन दत्ता ने अपने सहयोगियों के साथ गाजियाबाद में श्रीबालाजी हाईटेक कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्म बनाई थी। निर्माणाधीन 180 फ्लैटों में से अधिकांश फ्लैटों के आवंटन पत्र कई खरीदारों को जारी किए गए। आरोपियों ने बैंककर्मियों से मिलीभगत कर इन फ्लैटों पर ऋण स्वीकृत कराकर राशि फर्म के खातों में ट्रांसफर कराई और हड़प ली। 2016 में सौंपी थी जांच वर्ष 2016 में पीड़ित खरीदारों ने गाजियाबाद के विजयनगर थाने में मामले दर्ज कराए थे। इनमें से 19 मुकदमों की जांच शासन ने ईओडब्ल्यू मेरठ को सौंपी थी।जांच में पता चला कि उसने फोस्टर हाइट्स योजना में फर्जी दस्तावेजों के जरिए 55.50 लाख रुपये का ऋण लिया था। वर्ष 2017 में भी उसे लखनऊ के गोमतीनगर एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया था। अब दोबारा गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 8 दिन में छिनी थी महामंडलेश्वर की पदवी प्रयागराज की बाधंबरी गद्दी में उसे निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था और नया नाम सच्चिदानंद गिरी मिला था। लेकिन उसके खिलाफ ठगी और नाइट क्लब संचालन के आरोप सामने आने पर आठ दिन में ही पदवी छीन ली गई। अखाड़ा परिषद ने बाद में 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी की, जिसमें उसका नाम भी था।

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