पुलिस ने 77.52 करोड़ की साइबर ठगी का किया खुलासा:तीन आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड कंबोडिया में छिपा

गाजियाबाद पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है, जो लोगों को क्रिप्टो करेंसी और शेयर ट्रेडिंग में निवेश का झांसा देकर ठग रहा था। इस गिरोह ने पूरे भारत में सैकड़ों लोगों को अपने जाल में फंसाया और अब तक करीब 77.52 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सक्रिय सदस्य शिवा जायसवाल, आशीष कनौजिया और तुषार मिश्रा को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपी सिर्फ 12वीं तक पढ़े हैं और एक आरोपी ग्रेजुएट है। इनके पास से कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनमें ठगी की कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। ADCP क्राइम पियूष कुमार ने बताया कि ये आरोपी पिछले दो सालों से 19 राज्यों के लोगों को शिकार बना रहे थे। गाजियाबाद जिले में ही तीन लोगों से लगभग 7 करोड़ रुपए ठगे, जबकि सबसे बड़ी ठगी चेन्नई जिले में हुई, जिसमें एक व्यक्ति से 9 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की गई। जांच में यह भी पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड शमीम नाम का आरोपी है, जो फिलहाल कंबोडिया में छिपा हुआ है। पुलिस उसकी लोकेशन लगातार ट्रैक कर रही है और उसे पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई कर रही है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह सोशल मीडिया पर फर्जी लड़कियों के नाम से फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट बनाता था। फिर लोगों से बातचीत कर उन्हें व टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ता और निवेश करने का झांसा देता। इसके अलावा, यह लोग फर्जी ऐप और वेबसाइट बनाते थे। ये आरोपी खुद कोई ऐप नहीं बनाते थे, लेकिन फर्जी ऐप में नकली मुनाफा दिखाकर लोगों को और ज्यादा पैसे निवेश करने के लिए प्रेरित करते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति अपना पैसा वापस मांगता, आरोपी ग्रुप और लिंक डिलीट कर देते थे। अब तक तीन बड़ी ठगी की घटनाओं में 1.03 करोड़ रुपए की रिकवरी भी की जा चुकी है। पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और मास्टरमाइंड शमीम को पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास जारी हैं।

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