पीलीभीत में किसानों का प्रदर्शन:बाहरी धान पर रोक की मांग, आढ़तियों पर मिलीभगत का आरोप

पीलीभीत जिले में बाहरी धान की आपूर्ति पर प्रशासनिक रोक के बावजूद, राइस मिलों में इसकी सप्लाई जारी है। बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने बिलसंडा क्षेत्र में इस मुद्दे पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने गुरुद्वारा कुर्रैया कलां के बाहर धरना दिया और बाहरी आढ़तियों की लगभग एक दर्जन ट्रॉलियों को रोककर उनका प्रवेश बंद कर दिया। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने स्थानीय किसानों के धान को उचित मूल्य पर खरीदने के लिए बाहरी जिलों से धान आने पर रोक लगाई थी। हालांकि, आढ़ती राइस मिलरों के साथ मिलीभगत कर इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाहरी धान किसानों के वाहनों के माध्यम से जिले में लाया जा रहा है। सीधे राइस मिलों तक पहुंचाया जा रहा है। विरोध कर रहे किसानों की शिकायत है कि राइस मिलर स्थानीय किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम, यानी 1300 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद रहे हैं। किसानों का आरोप है कि बाहरी जिलों से सस्ता धान मंगवाने के कारण मिलर स्थानीय किसानों से धान खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिससे उन्हें मजबूरी में कम दाम पर अपना धान बेचना पड़ रहा है। किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि जब तक जिले में बाहरी धान पर पूर्ण रूप से रोक लागू नहीं की जाती। राइस मिलरों को स्थानीय किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाता। तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर बिलसंडा पुलिस टीम पहुंची और किसानों को शांत करने तथा ट्रॉलियों को आगे बढ़ाने के लिए समझाने का प्रयास किया। हालांकि, किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा। यह विवाद फिलहाल थमने के आसार नहीं दिखा रहा है। किसानों की नाराजगी और राइस मिलरों की नीतियों के बीच टकराव से धान खरीद व्यवस्था प्रभावित हो रही है। प्रशासन के सामने अब नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती है।

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