पीएल पुनिया ने चुनाव आयोग के रवैये को निराशाजनक बताया:बिहार चुनाव से पहले लोगों का विश्वास उठने का संदेह जताया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग के रवैये पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आयोग की प्रतिक्रिया को ‘खेदजनक और निराशाजनक’ बताया, जिससे लोगों का विश्वास उठने का संदेह पैदा हो रहा है। पुनिया ने मंगलवार को बाराबंकी स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया। पुनिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उठाए गए मुद्दों पर आयोग की प्रतिक्रिया का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पूरे तथ्यों के साथ आयोग को अपनी चिंताएं बताई थीं, लेकिन आयोग का रवैया निराशाजनक रहा। पुनिया ने आयोग द्वारा एक जिम्मेदार संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति (राहुल गांधी) से शपथ पत्र (एफिडेविट) मांगने पर भी आपत्ति जताई। पुनिया ने तर्क दिया कि नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है, और ऐसे व्यक्ति से एफिडेविट मांगना अनुचित है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बयानों पर आयोग ऐसा रुख क्यों नहीं अपनाता। पुनिया के अनुसार, आयोग को जांच का आश्वासन देना चाहिए था और आवश्यक संशोधन की बात कहनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि आयोग के इस रवैये से लोगों का विश्वास उठ जाता है। उन्होंने जोर दिया कि चुनाव आयोग न्याय की अंतिम सीढ़ी है, और यदि इसमें संदेह पैदा होता है, तो यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। पुनिया के इस बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची की विश्वसनीयता को लेकर अपनी गंभीर चिंताएं व्यक्त कर रही है। बिहार में चुनाव दो चरणों में होने हैं और इसके नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

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