पटाखों की अवैध बिक्री करने वालों का सत्यापन शुरु:एसएसपी ने सभी थानेदारों को पूर्व में दर्ज मुकदमों को लेकर दिए निर्देश, नंबर जारी
पटाखों का अवैध भंडारण हादसे की वजह बन सकता है। इसको रोकने के लिए पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। सभी थानेदारों को उनके क्षेत्रों की जिम्मेदारी दे दी गई है ताकि कोई चोरी छिपे भंडारण ना कर सके। महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व वर्षों में जितने मुकदमे पटाखों के अवैध भंडारण के दर्ज हुए थे, उन सभी लोगों का सत्यापन तक कराया जा रहा है। अब एक नजर अवैध भंडारण पर
न्यायालय व एनजीटी की सख्ती के बाद से दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री व भंडारण पर रोक है। इसके बावजूद हर वर्ष दीपावली से पहले पटाखों की अवैध बिक्री का खेल शुरु हो जाता है। इसके लिए चोरी छिपे पटाखों का भंडारण किया जाता है जो कई बार हादसों की वजह भी बन जाता है। अब जैसे जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, वैसे वैसे पटाखों का भंडारण करने वाले सक्रिय होने लगे हैं। हाल ही में तीन से चार स्थानों पर छापा मारकर पुलिस ने पटाखों का जखीरा भी पकड़ा है। यह माल जब्त कर लिया गया है और भंडारण करने वालों पर मुकदमे की कार्रवाई की गई है। सत्यापन की प्रक्रिया भी हुई शुरु
पटाखों का खेल उजागर होने के बाद अफसर सख्त हैं। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने सख्ती से इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में शहर व देहात में पूर्व में दर्ज मुकदमों को भी आधार बनाया जा रहा है। सभी थानेदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वह पिछले पांच वर्ष में दर्ज मुकदमों का विवरण जुटा लें। उन लोगों का सत्यापन करें जो पूर्व में पटाखे बेचते पकड़े गए थे। वर्तमान में वह क्या काम कर रहे हैं। उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। थाना स्तर पर टीमों का किया गठन
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि थाना स्तर पर टीम गठित कर दी गई हैं जो केवल पटाखों के अवैध भंडारण पर नजर रखेंगी। इसके लिए आमजन का सहयोग भी लिया जा रहा है। अभी तक जितने स्थानों पर कार्रवाई हुई है, वह भी सूचनाओं के आधार पर की गई है और आगे भी जारी रहेगी। एसएसपी की तरफ से नंबर हुआ जारी
पटाखों की अवैध बिक्री रोकने के लिए जनता से सहयोग भी मांगा गया है। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने एक हेल्पलाइन नंबर 9454402466 जारी कराया है। अगर किसी के क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति पटाखों का अवैध भंडारण कर रहा है तो वह इस नंबर पर सूचना दे सकते हैं। यह नंबर 24 घंटे एक्टिव रहेगा। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
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