नवरात्र का चौथा दिन, मां कुष्मांडा की आराधना:विंध्यवासिनी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुबह से लगी कतारें
मिर्जापुर के विन्ध्याचल धाम में नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर में देखी जा रही हैं। मां कुष्मांडा को सृष्टि की आदि-स्वरूपा माना जाता है। मान्यता है कि इनकी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना हुई। अष्टभुजा धारी मां के हाथों में कमंडल, धनुष-बाण, कमल और अमृतपूर्ण कलश हैं। साथ ही चक्र, गदा व जपमाला से वे सुशोभित हैं। सिंह इनका वाहन है। पुरोहित पंडित राजन मिश्रा के अनुसार, मां कुष्मांडा की आराधना से भक्तों के रोग-शोक दूर होते हैं। इससे आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। गृहस्थ जीवन में रहने वाले भक्तों को जीवन की आवश्यक वस्तुएं सहजता से मिलती हैं। विन्ध्याचल सिद्धपीठ इस समय देशभर से आए श्रद्धालुओं से भरा हुआ है। भक्तों का कहना है कि मां के धाम में उन्हें अपार शांति और शक्ति का अनुभव होता है। मान्यता है कि मां विंध्यवासिनी किसी भक्त को खाली हाथ नहीं लौटातीं। पूरे विन्ध्य क्षेत्र में नवरात्र का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। मां के मंदिर की भव्य सजावट ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया है। तस्वीरें देखिए….
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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