धोखाधड़ी में साहब लारी समेत 3 की जमानत अर्जी खारिज:कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पी थी, 8 के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR
धोखाधड़ी के मुकदमे में गैंगस्टर साहब लारी समेत तीन की जमानत अर्जियां एडीजे–21 विनय सिंह की कोर्ट ने खारिज कर दी हैं। आरोपियों ने डिफेंस कालोनी निवासी कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़प ली थी। पीड़ित ने अखिलेश दुबे के गुर्गे लवी मिश्रा समेत 8 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह था पूरा मामला… जाजमऊ डिफेंस कालोनी निवासी चौकीदार श्रीराम ने 28 अगस्त को लवी समेत 8 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि वह 40 साल से सिराज गद्दी, रियाज गद्दी और शमशाद गद्दी के घर पर चौकीदारी करता है। सिराज की मौत के बाद उनका सारा काम उनके बेटे सोहेल, शहनवाज और सलमान देखते हैं। मेरे आधार कार्ड में मेरे पिता का नाम सुंदरलाल है। कुछ दिन पहले सोहेल, शहनवाज और सलमान मुझे कार में बैठाकर जनसेवा केंद्र ले गए और मेरा अंगूठा लगवाकर वापस भेज दिया। फिर रियाज, शमशाद, सोहेल, सलमान और रियाज के बेटे कामरान ने मुझे बुलाया और सलमान, सोहेल व कामरान के साथ उन्नाव कचहरी भेज दिया। वहां पहले से साहब लारी, लवी मिश्रा और कुछ लोग मौजूद थे। आधार और पैन कार्ड में की थी हेरफेर साहब लारी ने बंद लिफाफा देकर कहा कि इसमें तुम्हारा आधार कार्ड व पैन कार्ड है। मुझसे रजिस्ट्री पर अंगूठा लगवा लिया और एक भी रुपया नहीं दिया। चार-पांच महीने बाद मेरे बैंक खाते में किसान निधि का रुपया आना बंद हो गया, तब पता चला कि मेरे आधार और पैन कार्ड में पिता का नाम सुंदरलाल की जगह रामलाल लिखा है। कार्ट ने माना गंभीर अपराध मुकदमे में आरोपी बेकनगंज के हीरामन का पुरवा निवासी साहाब लारी उर्फ साहाब अनवर अहमद और जाजमऊ के हाशमी रोड निवासी शहनवाज बेग उर्फ शहनवाज गद्दी और उसके भाई सलमान बेग उर्फ सलमान गद्दी की ओर से जमानत अर्जियां दाखिल की गई थीं। जिसे गंभीर अपराध मानकर कोर्ट ने खारिज कर दिया।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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