देवरिया धर्मांतरण केस : फरार तरन्नुम हाईकोर्ट पहुंची:मुकदमा रद्द करने की अर्जी… सुनवाई अब 8 अक्टूबर; 2 आरोपी जेल में

देवरिया के बहुचर्चित धर्मांतरण मामले में फरार चल रही आरोपी तरन्नुम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमा रद्द कराने के लिए याचिका दाखिल की। शुक्रवार को डबल बेंच में सुनवाई होनी थी, लेकिन लंच के बाद सूचीबद्ध होने के बावजूद सुनवाई नहीं हो पाई। अब अगली तारीख 8 अक्टूबर तय की गई है। देवरिया सदर कोतवाली क्षेत्र के राघव नगर मोहल्ले स्थित ईजी मार्ट में काम करने वाली महिला कर्मचारी ने धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने उस्मान गनी, उसकी पत्नी तरन्नुम और उसके साले गौहर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आरोप है कि तीनों ने न सिर्फ धर्मांतरण कराने की कोशिश की, बल्कि पीड़िता से दुष्कर्म का प्रयास भी किया। साथ ही आईटी एक्ट की धाराओं में भी केस दर्ज किया गया। 15 सितंबर को पुलिस ने मुख्य आरोपी उस्मान गनी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गौहर भी जेल में बंद है, लेकिन तरन्नुम फरार थी और पुलिस लगातार उसकी तलाश का दावा कर रही थी। पुलिस की पकड़ से बचती रही तरन्नुम चुपचाप लखनऊ होते हुए प्रयागराज पहुँच गई। यहाँ उसने हाईकोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमा रद्द करने की याचिका दाखिल कर दी। इस खुलासे के बाद जिले की पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोग और विपक्षी दल पूछ रहे हैं कि जब पुलिस दबिशें डालने का दावा कर रही थी, तो आरोपी इतनी दूर तक पहुंचकर अदालत कैसे पहुँची? सुनवाई टली, अगली तारीख 8 अक्टूबर हाईकोर्ट की डबल बेंच में शुक्रवार को केस सूचीबद्ध था। लंच के बाद सुनवाई तय थी, लेकिन तकनीकी कारणों से मामला नहीं सुना जा सका। अब 8 अक्टूबर को सुनवाई होगी। तब अदालत तय करेगी कि तरन्नुम की याचिका पर क्या कार्रवाई की जाए। पुलिस-खुफिया एजेंसियों पर सवाल तरन्नुम के हाईकोर्ट पहुँचने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस अब तक दावा करती रही कि आरोपी फरार है और उसकी तलाश जारी है। लेकिन आरोपी का कोर्ट पहुंचकर याचिका दाखिल करना इन दावों को कमजोर करता है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अब सुनवाई की तारीख पर कोर्ट परिसर में उसकी मौजूदगी के दौरान गिरफ्तारी की रणनीति बना सकती है।

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