दलित युवक को पुलिस ने मरने के लिए छोड़ा:रायबरेली में गांववाले 2 घंटे तक मारते रहे; पत्नी बोलीं- बुलडोजर चले

40 साल के हरिओम को रायबरेली की गदागंज पुलिस ने रात करीब 10 बजे पकड़ा था। भीड़ ने हरिओम को घेर रखा था। पुलिस ने बातचीत की तो पता चला कि हरिओम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं। पुलिस हरिओम को छोड़कर चली गई। भीड़ में शामिल लोग दावा करते हैं कि उस वक्त होमगार्ड ने कहा कि हरिओम को थाने ले चलना चाहिए क्योंकि स्थिति ठीक नहीं। लेकिन, पुलिस अफसरों ने मना कर दिया। हरिओम गदागंज से करीब 10 किलोमीटर आगे ईश्वरदासपुर पहुंचा। यहां कुछ लोगों ने रोक लिया। ड्रोन चोर समझकर पीटना शुरू कर दिया। जो भी आया, उसने लात-घूसे, लाठी-बेल्ट बरसाए। लगातार 2 घंटे तक मारते रहे। हरिओम के शरीर के हर हिस्से पर गहरे जख्म हो गए। मरने से पहले उसने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिया। लेकिन मारने वाले नहीं रुके और इतना मारा कि हरिओम की जान चली गई। दैनिक भास्कर की टीम ने इस पूरे मामले को कवर करने रायबरेली पहुंची। उस घटनास्थल पर पहुंचे, जहां हरिओम को पीटा गया। पत्नी से मिले, जहां हरिओम जा रहा था। पुलिस की छापेमारी देखी। आरोपियों के घरवालों से बात की। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… भंडारे के लिए निकला और बिछड़ गया
फतेहपुर जिला हॉस्पिटल के पीछे तुराब अली का पुरवा है। इसी में हरिओम वाल्मीकि का घर था। हरिओम की 10 साल पहले शादी हुई थी। कुछ दिनों तक पत्नी पिंकी ससुराल में रही, लेकिन बाद में वह अपने मायके चली आई। यहीं एनटीपीसी के अंदर बने स्टेट बैंक में सफाई का काम करने लगी। कभी हरिओम पिंकी के यहां आ जाता, तो कभी पिंकी अपनी ससुराल चली जाती थी। हरिओम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए वह कुछ भी काम नहीं करता था। पिता और भाई के साथ अक्सर खेती-किसानी का थोड़ा बहुत काम देख लेता था। 1 अक्टूबर की शाम हरिओम गांव के ही कुछ लोगों के साथ तेरहवीं में भोजन करने के लिए निकला था। बाकी सभी लोग घर की तरफ चले गए, लेकिन हरिओम बिछड़ गया। वह घर की तरफ न जाकर दूसरे रास्ते पर चला गया। रात करीब 10 बजे गदागंज थाना क्षेत्र की सीमा पर पहुंच गया। एक ढाबे के पास कुछ लोगों ने उसे घेर लिया। एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी। पहले डायल- 112 पहुंची। कुछ देर बाद गदागंज के थानाध्यक्ष दयानंद तिवारी पहुंच गए। 1 मिनट 4 सेकेंड का एक वीडियो मिला है। उसमें जिन लोगों ने हरिओम को घेरा, वो पुलिस के सामने ही उससे पूछताछ कर रहे थे कि यहां कैसे पहुंचे? हरिओम बता रहा था कि साधन से ही यहां चला आया। बस से जाने का पैसा नहीं है। यहां कोई मारा-पीटा नहीं। मोबाइल भी नहीं है। कुछ लोग पूछते हैं कि तुम्हारे साथ वाले कहां हैं? ड्रोन कैमरा कहां से उड़ा रहे थे? हरिओम अगल-बगल झांकने लगता है, क्योंकि उसे ड्रोन के बारे में कुछ पता ही नहीं था। पुलिस ने छोड़ दिया, दूसरे गांव के लोगों ने पकड़ लिया
पुलिस ने हरिओम से पूछताछ की। जब उन्हें लग गया कि यह मानसिक रूप से कमजोर है, तो उसे साथ ले जाने की बजाय वहीं छोड़ दिया। हरिओम वहां से अपनी ससुराल ऊंचाहार की तरफ निकला। इसके लिए उसने ऊंचाहार-डलमऊ मार्ग को पकड़ा। यह रास्ता दिन-रात लगातार चलता रहता है। हरिओम रात करीब 11 बजे ईश्वरदासपुर पहुंचा। तभी कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और अनुज मौर्य के घर के सामने रखे तख्त पर बैठाकर पूछने लगे। तभी मोहल्ले के ही बाकी और लोग लाठी-डंडे और बेल्ट लेकर आ गए। हरिओम से वहां आने का कारण पूछा। हरिओम ने बताया कि उसकी एनटीपीसी गेट नंबर- 2 के सामने ससुराल है, वहीं जा रहा है। लेकिन, लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जो भी व्यक्ति आता, वह अलग-अलग सवाल करता। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते हरिओम सबके सवालों का जवाब नहीं दे सका। कुछ लोगों ने उसके दोनों हाथ बांध दिए और पीटना शुरू कर दिया। एक व्यक्ति ने बीचबचाव किया, उसे तख्त पर बैठाकर पानी पिलाया और फिर से पूछताछ की। 2 घंटे तक 15 से ज्यादा लोग लगातार मारते रहे
हम घटनास्थल पर पहुंचे। इस वक्त आसपास के घरों में ताला लगा था। जिन घरों में ताला नहीं लगा था, वहां के लोग दरवाजा खोलने को तैयार नहीं थे। यहीं हमें जानकारी मिली कि हरिओम को लाठी-डंडे से तो पीटा ही गया, फिर उसकी पैंट उतारी गई। पीछे के हिस्से पर लगातार चमड़े की बेल्ट से मारा गया। फिर पैंट और शर्ट दोनों उतार दीं। इसके बाद जो भी आया, उसने डंडा और बेल्ट उठाकर हरिओम के पेट-पीठ और जांघ पर मारीं। हमलावरों में वैभव सिंह प्रमुख है। उसने हरिओम के गले पर जोर से पैर रखा था। लोगों से लगातार मारने को कह रहा था। विपिन कुमार, सुरेश कुमार, अनुज मौर्या, सहदेव लगातार डंडे और बेल्ट से मार रहे थे। इसी बीच हरिओम के मुंह से निकला- राहुल गांधी। इसके बाद सब हंसने लगे और बोले कि यहां सब बाबा वाले लोग हैं। इसके बाद फिर से मारने लगे थे। कुछ ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह का भी नाम ले। कुल मिलाकर हरिओम को इस कदर पीटा गया कि आखिर में उसे दर्द होना ही बंद हो गया। पूरा शरीर सुन्न पड़ गया। आरोपी की मां बोली- मेरे बेटे को जबरन फंसाया गया
हरिओम की पिटाई में शामिल अनुज मौर्य की मां सरस्वती देवी मीडिया को देखते ही रोते हुए बाहर निकली। कहने लगी- मेरे पति रामफल और बेटे अनुज को पुलिस ले गई थी। पति को तो छोड़ दिया, लेकिन बेटे का चालान कर दिया। अनुज की पत्नी के 15 दिन पहले ही बच्चा हुआ था। घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर वैभव सिंह का घर है। हम उसके घर पहुंचे, तो अंदर से बंद मिला। आवाज दी, लेकिन कोई नहीं बाहर नहीं आया। पुलिस ने वैभव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अनुज, वैभव के अलावा पुलिस ने सहदेव, सुरेश, विपिन को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा है। ऊंचाहार के थाना प्रभारी सियाराम राजपूत क्षेत्र में लगातार छापेमारी कर रहे हैं। कहते हैं- दो अन्य लोगों की भी वीडियो के आधार पर शिनाख्त हुई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी हो रही है। पत्नी बोलीं- जैसे मेरे पति के साथ हुआ, वैसा उनके साथ भी हो
जिस ईश्वरदासपुर में हरिओम को पीट-पीटकर मार दिया गया था, वहां से करीब 7 किलोमीटर दूर उसकी ससुराल थी। हम यहां पहुंचे, तो हमारी मुलाकात हरिओम की पत्नी पिंकी से हुई। वह कहती हैं- पुलिस ने हमें फोन करके पोस्टमॉर्टम हाउस बुलाया। हम वहां पहुंचे और बॉडी देखी, तो तुरंत पहचान गए। वह मेरे सुहाग थे, बहुत बुरी तरह से मारा गया था। वीडियो देखकर सहम गई थी, देखा नहीं गया। वहां की महिलाओं को तो कम से कम तरस आना चाहिए था। इतना कहने के बाद वह फफककर रोने लगीं। पिंकी अपने रिश्ते को लेकर कहती हैं- हमारी शादी के बाद से ही नहीं जमती थी। पति मारपीट और तोड़फोड़ करते थे। इसलिए मैं मायके चली आई थी। यहीं स्टेट बैंक में सफाई का काम करने लगी। 4-5 हजार रुपए मिलते थे। इसलिए यहीं यह काम करके बेटी को पढ़ाने लगी। पति बीच-बीच में यहां आते थे, मैं भी वहां कभी-कभी चली जाती थी। उस दिन भी वह यहीं के लिए निकले थे। हरिओम की 10 साल की एक बेटी अनन्या है। 5वीं क्लास में पढ़ाई करती है। अनन्या कहती है- हम लोगों को पुलिस के फोन के बाद पता चला। मम्मी और नाना रायबरेली गए थे। वहीं से मम्मी ने फोन किया और कहा कि पापा नहीं रहे। इतना सुनने के बाद मैं रोने लगी थी। मई में पापा से मिली थी, वह बिटिया कहते थे। वह मुझसे बहुत कम बोलते थे। मेरा दामाद कभी चोरी नहीं करेगा
हरिओम के ससुर छोटेलाल कहते हैं- पुलिस ने हमें फोटो दिखाई थी। उसी से पता चला कि मेरे दामाद हैं। मेरा दामाद कभी भी चोरी नहीं करेगा। वह तो बता रहा था कि वह ससुराल जा रहा है। लेकिन किसी ने सुना ही नहीं। लोग बस मारते रहे और इतना मार दिया कि उसकी मौत हो गई। अब हम लोग न्याय चाहते हैं। मेरी बेटी का तो सुहाग ही उजड़ गया। हरिओम के भाई शिवम की मांग है कि जिन लोगों ने भाई की हत्या की है, उन्हें फांसी की सजा दी जाए। उनके घर पर बुलडोजर चलाया जाए। जिस तरह से भाई की हत्या की गई, मैं तो वीडियो भी ठीक से नहीं देख पा रहा हूं। हरिओम की बहन कुसुम का कहना है कि मेरे भाई की हत्या एक साजिश के तहत हुई है। अगर पुलिस चाहती, तो मेरा भाई जिंदा होता। जिन लोगों ने मेरे भाई की हत्या की, पुलिस उन्हें बचा रही है। एडिशनल एसपी बोले- रायबरेली पुलिस गंभीरता से केस ले रही
रायबरेली की पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बताया- अब तक इस मामले में 2 दरोगा समेत 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। रायबरेली पुलिस इस मामले को काफी गंभीरता से ले रही है। जो भी इसमें शामिल मिलेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना में दलित वर्ग, पिछड़े वर्ग और सवर्ण वर्ग के लोग शामिल हैं, लेकिन ये मूलतः अपराधी हैं। इनकी कोई जाति नहीं होती। ————————— ये खबर भी पढ़ें 7 महीने में 5 बार बॉयफ्रेंड संग भागी पत्नी, यूपी में 4 बच्चों संग नदी में कूदा, 12 KM दूर मिली बेटी की लाश यूपी के जिला शामली में 4 बच्चों को लेकर यमुना में कूदने वाला 38 साल का सलमान पत्नी की बेवफाई से बुरी तरह टूट चुका था। उसकी पत्नी 7 महीने में 5 बार अपने बॉयफ्रेंड संग भाग गई। करीब एक हफ्ते, तो कभी 10 दिन बद घर लौटकर आई। 4 बच्चों को पालने की खातिर सलमान चुपचाप सब सहता रहा। पत्नी को बार-बार समझाता रहा, लेकिन वो नहीं मानी। अब पांचवीं बार घर से भाग गई। तब सलमान के सब्र का बांध टूटा और उसने बच्चों के साथ जिंदगी खत्म कर ली। पढ़िए पूरी खबर…

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