तैराक इंस्पेक्टर को स्विमिंग पूल में आया हार्ट अटैक:2 घंटे बाद मिली डेडबॉडी, लखनऊ में PAC के 20 फीट गहरे पूल में करते थे प्रैक्टिस
लखनऊ में क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर की पीएसी के 20 फीट गहरे स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई। SDRF ने करीब 2 घंटे बाद उनकी डेडबॉडी निकाली। इंस्पेक्टर की पहचान अश्विनी चतुर्वेदी के रूप में हुई। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस कमिश्नर समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए। घटना आज सुबह 35वीं वाहिनी पीएसी महानगर में हुई। डीसीपी सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव ने बताया- दोपहर 12:00 बजे महानगर थाना को घटना की सूचना मिली थी। इंस्पेक्टर को स्विमिंग पूल से बाहर निकालने के बाद हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि पिछले साल इंस्पेक्टर अश्विनी चिनहट थाना प्रभारी थे। कस्टडी में हुई एक व्यापारी की मौत के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। कर्मचारी पूल बंद करने पहुंचे तो हुई जानकारी स्विमिंग पूल के कर्मचारियों के मुताबिक, स्विमिंग पूल सुबह 8 बजे बंद हो जाता है। आज सुबह 8 बजे कर्मचारी स्विमिंग पूल बंद करने गए, तो उन्हें वहां एक बैग दिखा। बैग के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उन्होंने स्विमिंग पूल के आसपास देखा, लेकिन कोई व्यक्ति नहीं दिखा। इसके बाद उन्होंने स्विमिंग पूल के आगंतुक रजिस्टर की जांच की। उसमें पता चला कि सुबह 6 से 8 बजे के स्लॉट में स्विमिंग करने के लिए इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी आए थे। रजिस्टर में आने के समय उनका साइन था, लेकिन जाने के समय साइन नहीं था। इस पर कर्मचारियों को उनके स्विमिंग पूल में डूबने का शक हुआ। उन्होंने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। उसके बाद SDRF बुलाई गई। SDRF ने उनके स्विमिंग पूल से अश्विनी चतुर्वेदी की डेडबॉडी निकाली। 20 फीट गहरा है स्विमिंग पूल 35वीं वाहिनी पीएसी में शहीद भगत सिंह स्विमिंग पूल है। इसमें इंटरनेशनल गेम होते हैं। इसमें तैराकी के अलावा गोताखोरी का अभ्यास भी होता है। इस वजह से इसकी गहरी 20 फीट है। अश्विनी चतुर्वेदी के साथियों ने बताया कि वह अच्छे तैराक थे। नेशनल और स्टेट लेबल की तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते थे। अश्विनी चतुर्वेदी पिछले कुछ सालों से ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी से पीड़ित थे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि तैराकी के समय उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। हालांकि, पीएम रिपोर्ट आने पर मौत के सही कारण की जानकारी होगी। नियमित अभ्यास करने स्विमिंग पूल आते थे इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी नियमित रूप से पीएसी के स्विमिंग पूल में तैराकी करने आते थे। उनका रोज सुबह 6 से 8 बजे का स्लॉट बुक रहता था। स्विमिंग पूल के कर्मचारियों ने बताया आज 6 से 8 बजे के स्लॉट में वह स्विमिंग करने आए थे। वह मूल रूप से अंबेडकर नगर जिले के राजे सुलतानपुर के निवासी थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। उन्होंने वाराणसी में एक घर ले लिया था। उनका परिवार वहीं रहता है। देर शाम तक उनके परिवार के लोग लखनऊ नहीं पहुंचे थे। पोस्टमॉर्टम की होगी वीडियोग्राफी
अश्विनी चतुर्वेदी के परिजन देर शाम तक लखनऊ नहीं पहुंचे। इस वजह से उनके शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाया जाएगा। पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी होगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। यदि परिजन कोई आरोप लगाते हैं, तो उसकी भी जांच की जाएगी। अश्विनी 1998 में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे। वर्तमान में पुलिस आयुक्त की क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा में इंस्पेक्टर के रूप में तैनात थे। अब पढ़िए अश्विनी चतुर्वेदी से संबंधित यह खबर… चिनहट थाने में कस्टडी में व्यापारी की मौत पर हुआ था बवाल अक्टूबर 2024 में चिनहट थाने में पुलिस की कस्टडी में व्यापारी मोहित पांडेय की मौत हो गई थी। उसके बाद बवाल हुआ था। रात तक परिजनों ने लोहिया अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया था। इसके बाद अगले दिन मृतक की पत्नी और मां के साथ इलाके के लोग शव लेकर विभूति खंड में मंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गए थे। विधायक ने माना था कि पुलिस से गलती हुई बीकेटी से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने माना कि पुलिस से गलती हुई है। परिवार को सीएम योगी से मुलाकात करवाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने मृतक की मां और पत्नी को 1 लाख रुपए के चेक दिया था। उस समय चिनहट थाने के एसएचओ अश्विनी चतुर्वेदी थे। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में वह बहाल हो गए थे। —————– ये भी पढ़िए… मुख्तार पर शिकंजा कसने वाले IPS अफसर के घर चोरी:लखनऊ में टोटी तक उखाड़ ले गए, माफिया को पंजाब में लग्जरी एम्बुलेंस में पकड़ा था माफिया मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसने वाले IPS ऑफिसर यमुना प्रसाद के लखनऊ स्थित घर में चोरी हो गई है। चोरों ने कैश, घड़ी के साथ टोटियां तक पार कर दीं। यमुना प्रसाद वही पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने मुख्तार को पंजाब में लग्जरी एम्बुलेंस में पकड़ा था। उस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन फर्जी डॉक्यूमेंट पर बना था। मामले में यमुना प्रसाद ने मुकदमा दर्ज किया, जो मुख्तार को यूपी लाने की सबसे बड़ी वजह बना था। (पूरी खबर पढ़िए)
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