तुलसीपुर के देवीपाटन शक्तिपीठ में नवरात्र का चौथा दिन:मां कुष्मांडा के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, 15 दिवसीय राजकीय मेला जारी
देवीपाटन शक्तिपीठ में नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की आराधना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भोर से ही मंदिर परिसर में महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग कतारें लग गईं। श्रद्धालु मां पाटेश्वरी के दर्शन-पूजन कर रहे हैं। देवीपाटन मेले को राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त है। मेले में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा, जलापूर्ति और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु यहां अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं। देवीपाटन मंदिर 51 शक्तिपीठों में प्रमुख स्थान रखता है। यहां मां सती का वाम स्कंध पट गिरा था। तब से यह स्थान आदि शक्ति पाटेश्वरी देवी के रूप में प्रसिद्ध हुआ। महाभारत काल में दानवीर कर्ण यहां शक्ति साधना करते थे। वे गर्भगृह के पास स्थित सूर्यकुंड में स्नान कर सूर्योपासना करते थे। महायोगी गोरक्षनाथ ने भी यहां साधना की थी। उनकी जलाई अखंड धूनी आज भी प्रज्वलित है। श्रद्धालु मां पाटेश्वरी के दर्शन के बाद काल भैरव मंदिर में आशीर्वाद लेते हैं। मान्यता है कि मां कुष्मांडा ने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की। इसलिए उन्हें ‘कुष्मांडा’ कहा जाता है। इस दिन साधक का मन अनाहत चक्र में स्थित होता है। मां की कृपा से भक्तों के जीवन से भय और रोग दूर होते हैं। मंदिर में आज चौथे दिन मां कुष्मांडा जी की पूजन के लिए भक्तों में भारी उल्लास है। भक्ति और आस्था का माहौल है। मां पाटेश्वरी के जयकारे गूंज रहे हैं। श्रद्धालु के भारी भीड़ को देखते हुए पूरे मंदिर व मेला परिसर में साफ-सफाई सुरक्षा सहित विभिन्न बिंदुओं पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। देवीपाटन पीठाधीश्वर महराज मिथलेश नाथ योगी जी स्वयं पूरी व्यवस्थाओं पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर बनाए हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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