तीन गोलियां मारने के बाद ढ़ेर हुआ था बदमाश महताब:लूट का मास्टरमाइंड, पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, 18 संगीन मामलों में था संलिप्त

मुजफ्फरनगर पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए डकैती के मास्टरमाइंड महताब को मुठभेड़ में मार गिराया। महताब 14 सितंबर को बुढ़ाना के सर्राफ नेमचंद वर्मा और उनके भतीजे से हुई लाखों की लूट का मुख्य आरोपी था। पुलिस के अनुसार, परासौली रजवाहे के पास हुई मुठभेड़ में महताब को तीन गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौत हो गई। सौंटा रसूलपुर, थानाभवन निवासी महताब पश्चिमी यूपी का शातिर अपराधी था। मेरठ, सहारनपुर और शामली सहित कई जिलों में उसके खिलाफ डकैती और लूट के मामले दर्ज थे। जेल से रिहाई के बाद उसने फिर से बुढ़ाना में सर्राफ से लूट की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस का कहना है कि लूट का अधिकांश माल महताब के पास ही था, इसी कारण वह लंबे समय से उनके निशाने पर था। परासौली रजवाहे पर हुई मुठभेड़ एसपी देहात आदित्य बंसल के निर्देशन में बुढ़ाना पुलिस ने शुक्रवार रात परासौली रजवाहे के पास महताब को घेर लिया। दोनों ओर से फायरिंग हुई। पुलिस की चार गोलियों में से तीन सीधे महताब को लगीं। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शातिर बदमाशों के खात्मे की हैट्रिक एसएसपी संजय वर्मा के कार्यकाल में यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है। इससे पहले एसटीएफ के साथ मिलकर खालापार का बदमाश शाहरूख पठान मारा गया था। चार दिन पहले मीरापुर में एक लाख का इनामी नईम कुरैशी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ था। अब महताब के मारे जाने से पुलिस ने एक लाख के इनामी बदमाशों के खातमे की हैट्रिक पूरी कर ली है। 18 संगीन मामलों में वांछित था एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि महताब के खिलाफ 18 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। “महताब ने पुलिस पर गोली चलाने की गलती की, जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। यह बुढ़ाना पुलिस की बड़ी सफलता है,” उन्होंने कहा। अपराध जगत का अंत महताब का नाम लंबे समय से अपराध जगत में दहशत का पर्याय बन चुका था। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत की अगुवाई में पहले भी उसके गिरोह का खुलासा हुआ था। लेकिन जेल से छूटने के बाद उसने दोबारा अपराध की राह चुनी। बुढ़ाना की सर्राफ लूट उसकी आखिरी वारदात साबित हुई।

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