डीयू प्रोफेसर ने रेलवे अंडरपास की समस्या उठाई:डीआरएम वाराणसी से मिले, कार्रवाई का आश्वासन मिला
दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने ग़ाज़ीपुर स्थित अपने पैतृक गांव शक्करपुर में रेलवे अंडरपास निर्माण की 77 साल पुरानी लंबित समस्या को लेकर डीआरएम वाराणसी रघुवीर से मुलाकात की। यह गांव गाजीपुर जिले के नोनहरा थाना क्षेत्र के मोहम्मदाबाद तहसील में स्थित है। बैठक के दौरान, डॉ. प्रसाद ने गांव में रेलवे अंडरपास की आवश्यकता, सुरक्षा और आवागमन संबंधी मुद्दों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। डीआरएम रघुवीर ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि अंडरपास निर्माण में आने वाली किसी भी बाधा का समाधान किया जाएगा। डॉ. जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि शक्करपुर में रेलवे अंडरपास न होने के कारण ग्रामीणों को प्रतिदिन खतरनाक तरीके से ट्रैक पार करना पड़ता है। पहले सिंगल रेल लाइन थी, लेकिन 2021-22 में दोहरीकरण के बाद ग्रामीणों को मुख्य सड़क मार्ग (NH-31) तक पहुंचने के लिए 5-6 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इससे विद्यार्थी, महिलाएं, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति जान जोखिम में डालकर ट्रैक पार करने को मजबूर हैं। ग्रामवासियों ने डॉ. प्रसाद की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि अपने व्यस्त शैक्षणिक और शोध कार्यों के बावजूद, डॉ. प्रसाद गांव की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। डॉ. प्रसाद ने कहा, “गांव की सेवा मेरे जीवन का उद्देश्य है। यह मेरी मिट्टी की देन है कि आज मैं यहां तक पहुंचा हूं। इसलिए गांव की भलाई के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगाना मेरा कर्तव्य है।” उल्लेखनीय है कि डॉ. प्रसाद वही युवा वैज्ञानिक हैं जिन्होंने गंगा की मिट्टी से बिजली उत्पादन का सफल प्रयोग किया था, जिसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की थी। डॉ. प्रसाद ने यह भी कहा कि यदि किसी कारणवश रेलवे अंडरपास निर्माण में कोई बाधा आती है, तो वे इसके समाधान के लिए सीधे रेल मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
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