डीडीयू ने राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में लगाई छलांग:छात्रों की पहली पसंद बना विश्वविद्यालय, महिला विद्यार्थियों में 50% तक की वृद्धि
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत की है। नैक ए++ मान्यता, एनआईआरएफ, QS एशिया और द इंपैक्ट रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन के चलते अब विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पाँच साल में 33% बढ़े विद्यार्थी
सत्र 2021–22 में विश्वविद्यालय में कुल 14,151 विद्यार्थी थे, जो अब 2025–26 में बढ़कर 18,855 हो गए हैं। यानी पाँच साल में विद्यार्थियों की संख्या में लगभग 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
महिला विद्यार्थियों की संख्या 7,040 से बढ़कर 10,530 हो गई — जो लगभग 49 प्रतिशत की वृद्धि है। वहीं, पुरुष विद्यार्थियों की संख्या 7,111 से बढ़कर 8,325 हो गई, यानी लगभग 17 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पीएचडी और अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भी बढ़ोतरी
पीएचडी छात्रों की संख्या 2021–22 में लगभग 500 थी, जो अब बढ़कर करीब 1,800 हो गई है। नेपाल और अमेरिका जैसे देशों से भी विद्यार्थी अब गोरखपुर विश्वविद्यालय का हिस्सा बन रहे हैं, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और मजबूत हुई है। सेल्फ-फाइनेंस कोर्सों में चार गुना वृद्धि
सेल्फ-फाइनेंस कोर्सों में भी छात्रों की संख्या 2021–22 में 1,261 से बढ़कर 2025–26 में 5,547 हो गई है। विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में डेटा साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यटन प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंचार और उद्यमिता जैसे रोजगारोन्मुख कोर्स शुरू किए हैं, जिनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। विद्यार्थियों की संख्या सत्र कुल विद्यार्थी महिला पुरुष 2021–22 14,151 7,040 7,111
2022–23 15,853 8,230 7,623
2023–24 15,927 8,646 7,281
2024–25 16,950 9,440 7,510
2025–26 18,855 10,530 8,325 कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय आज अपने समर्पित शिक्षकों, प्रेरित विद्यार्थियों और विद्यार्थी-केंद्रित दृष्टिकोण के कारण न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहा है। समयबद्ध परीक्षा प्रक्रिया, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों का विस्तार विश्वविद्यालय की नई दिशा को दर्शाता है।
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